26 अप्रैल को खुलेंगे गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट, 21 लोगों को ही मिलेगी एंट्री

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चारधाम
उत्तराखंड के प्रमुख धाम गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर खुलेंगे लेकिन इस मौके पर अबकी बार सिर्फ 21 लोगों को ही प्रवेश मिल सकेगा।
सामान्य तौर पर पहले उत्तरकाशी में कपाट खुलने के दौरान स्थानीय लोगों में इस पर्व की उत्सुकता खूब देखी जाती है। गंगा व यमुना के मैती कपाट खुलने के दौरान अपने परिवार व रिश्तेदारों के साथ इन धामों पर बढ़चढ़ कर पहुंचते रहे हैं किन्तु कोरोना के प्रकोप के कारण इस वर्ष श्रद्धालुओं के लिए धाम पर जाने की अनुमति नही हैं। 21 से अधिक लोगों को  एंट्री नहीं मिलेगी। इनमें मुख्य रूप से मंदिर पुजारी, पंडा समाज, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी के लोग सहित 21 लोग मोजूद होंगे।
उत्तरकाशी में पड़ने वाले दो प्रमुख धाम गंगोत्री व यमुनोत्री में व्यवस्थाओं से जुड़ी जिम्मेदारी जिला पंचायत उत्तरकाशी के सुपुर्दगी में होती है। जिसे यात्रा के दौरान सफाई, यात्रियों की सुरक्षा, मंदिरों की व्यवस्था व घोड़े-खच्चरों जैसे कार्यों की देख रेख जिला पंचायत की होती है। जिला पंचायत द्वारा इन रास्तों को साफ सुथरा कर दिया गया है। यमुनोत्री मंदिर की रंगाई पुताई का कार्य पूर्ण हो गया है, जिससे मंदिर का सौन्दर्य पहले से कहीं अधिक हो गया है। साथ ही खरशाली से लेकर यमुनोत्री तक के पैदल मार्ग की भी जिला पंचायत द्वारा सफाई कराई गयी है।
उधर, मा गंगा की डोली ( झलसा यात्रा) 25 अप्रैल को मुखवा गांव से प्रस्थान करेगी और रात्रि विश्राम भैरों घाटी में होगा। अगली सुबह 26 अप्रैल को मां गंगा की डोली भैरों घाटी से गंगोत्री धाम के लिए प्रस्थान करेगी, जहां पर वह श्रद्धालुओ के लिए अगले 6 महीनों तक निवास करेंगी। । इस यात्रा से जनपद के अनेकों बेरोजगार युवा यात्रा काल के दौरान अपना व अपने परिवार की आजीविका जुटाकर उनका पालन-पोषण करते हैं। घोड़े खच्चर से जुड़े लोग यात्रा के दौरान अपनी डोला पालकी द्वारा यात्रियों को यात्रा करवा कर खून पसीने की कमाई से साल भर का खर्च जुटाते हैं।