उत्तराखंड के सेब किसानों के लिये हर्सिल में होगा ”एप्पल फेस्टिवल”

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(उत्तरकाशी) आने वाले 28 सितंबर को हर्षिल में एक हर्सिल एप्पल फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा।और इस आयोजन मे एप्पल उत्पादकों को भी महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी साथ ही हर्सिल एप्पल को पर्यटन से जोड़ा जाएगा।

आपको बतादें कि उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में सेब का अच्छा-खासा उत्पादन है। हर्सिल में साल 1930 में सेब का उत्पादन शुरू हुआ था, इंग्लैंड निवासी विल्सन ने वर्ष 1925 में सेब का पहला बगीचा तैयार किया। वर्ष 1960 के बाद सेब के उत्पादन में लोगों की रुचि बढ़ी, राज्य बनने के बाद गंगा व यमुना घाटी में करीब एक हजार काश्तकार बढ़े हैं।

इस फेस्टिवल के बारे में बात करते हुए डीएम उत्तरकाशी आशीष चौहान ने बताया कि, “यह एप्पल फेस्टिवल एक दिन का आयोजन होगा, इसके जरिए हम कोशिश करेंगे कि एक ही मंच पर सेब खरीदारों और विक्रेताओं को एक साथ ला सकें।साथ ही उत्तरकाशी को दूसरी जगहों के साथ एक पर्यटन के रुप में विकसित करना भी हमारा मकसद है।” डीएम ने कहा कि, “हम चाहेंगे कि वो पर्यटक और लोग जो सेब के बागानों के असली अनुभव को सामने से देखना चाहते हैं,वह इस फेस्टिवल का हिस्सा बनें और सेब के सीज़न में इसका लुत्फ उठाएं।” सेब के सीजन में हर्सिल घाटी की स्थानीय अर्थव्यवस्था 12 करोड़ रुपये के करीब अकेले कमाई करती है। हिमाचल की तरह ही हर्सिल एप्पल को एक ब्रांड के रूप में स्थापित करने की कोशिश करी जा रही हैं और यही कारण है कि यह फेस्टिवल हर्सिल यही आयोजित किया जा रहा है।

इंडो-डच हॉर्टिकल्चर टेक्नालॉजि के निदेशक सुधीर चढ्ढा जो इस क्षेत्र में सेब उत्पादकों का सर्वेक्षण और सहायता कर रहे हैं, हमें बताते हैं कि, “उत्तराखंड में हमने एक बड़े स्तर पर अध्ययन किया और निष्कर्ष निकाला कि उत्तरकाशी जिला सेब आयात के लिए जगह ले सकता है। आराकोट पहाड़िया, साकंरी-नटवर क्षेत्र और हर्सिल में सेब उगाने की पूरी क्षमता है, जबकि जिले के निचले इलाकों में नीदरलैंड, फ्रांस और इटली से लाए गए नए सेब स्टॉक के साथ प्रयोगों में सफलता देखी गई है।”

सबसे अधिक सेब की पैदावार गंगा घाटी के हर्सिल क्षेत्र में होती है। हर्सिल क्षेत्र में विल्सन, रॉयल डिलिशियस, रेड डिलिशियस सहित आठ किस्म के सेब का उत्पादन होता है और इसकी मांग भी जबर्दस्त है।आशा है कि इस एप्पल फेस्टिवल के माध्यम से हर्सिल के सेबों को अपना एक ब्रैंड और पहचान बनाने में मदद मिलेगी।