मौसम के मिजाज ने किसानों के माथे पर डाली चिंता की लकीरें

0
723

विकासनगर,  गनीमत रही कि मौसम तेवर दिखा कर कुछ शांत हो गया। छह बजे बाद अचानक आंधी व गरज के साथ बारिश शुरु होते ही किसानों की सांसे थम गई। हालांकि कुछ देर बाद बारिश बंद हुई लेकिन आसमान में उमड़ रहे काले बादलों ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें डाल दी हैं। कुछ दिन पूर्व हुई बारिश से भी गेहूं की फसल सहित आम की बौर को भी नुकसान पहुंचा था।

शाम हुई बारिश से क्षेत्र में गेहूं की खड़ी व कटी फसल को भारी नुकसान हुआ है। वहीं खुले आसमान में मंडी में रखा गेहूं भी भीग गया। जबकि आसमान में उमड़ रहे बादलों से आंधी व बरसात की संभावना बनी हुई है। इससे किसानों को फसल खराब होने चिंता सता रही है। हालांकि बारिश से कुछ दिनों से चढ़ रहे पारे में गिरावट आई है जिससे मौसम सुहावना हो गया। कुछ दिन पहले भी आंधी व बारिश के कारण गेहूं, सरसों की फसल के साथ ही आम की बौर को नुकसान हुआ था। तीन-चार दिन आसमान साफ रहने से किसानों को बाकी फसल के खेत से खलिहान तक पहुंचने की उम्मीद जगी थी। जिसके बाद किसानों ने गेहूं की कटाई बड़े जोर शोर से शुरु करने के साथ ही खेतों में ही फसलों का ढेर लगा रहे थे। लेकिन शुक्रवार सायं को हुई आंधी व बारिश के कारण कटाई व थ्रेसिंग कार्य रूक गया है। ऊपर से नुकसान भी हो रहा है।

काश्तकार महेंद्र सिंह, भूपाल सिंह, प्रताप सिंह, नवाब, दिलशाद ने बताया कि आंधी व बारिश के कारण खेतों में गेहूं की फसल बिछ गई है। जहां फसल का ढेर लगाया गया है वहां पर भी नुकसान है। पूरा ढेर भीगने के बाद उसे सुखाने के लिए फिर से अलग-अलग छोटी-छोटी ढेरी बनानी पड़ेगी। बारिश थमने के बाद आसमान में उमड़ रहे बादल अभी भी किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें डाल रहे हैं।