उक्रांद ने पलायन आयोग कार्यालय पर दिया धरना, दो घंटे बाधित रही इंटरव्यू प्रक्रिया

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देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल(उक्रांद) ने केंद्रीय महामंत्री जयप्रकाश उपाध्याय के नेतृत्व उक्रांद कार्यकर्ताओं ने आईटी पार्क सहस्त्रधारा रोड स्थित पलायन आयोग के कार्यालय पर शनिवार को धरना दिया। इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने पलायन आयोग के कार्यालय को उत्तराखंड के सर्वाधिक पलायन प्रभावित जिला पौड़ी के बैजरो में स्थानांतरित करने की मांग की।
शनिवार सुबह बड़ी संख्या में उक्रांद कार्यकर्ता आईटी पार्क पुलिस चौकी के समीप एकत्रित हुए वहां से सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पलायन आयोग के कार्यालय पहुंचे। यहां आयोग के कार्यालय में यंग प्रोफेशनल्स की भर्ती के लिए इंटरव्यू प्रक्रिया चल रही थी। यूकेडी नेता जयप्रकाश उपाध्याय, संजय छेत्री तथा लताफत हुसैन के नेतृत्व में सारे कार्यकर्ता सीधे इंटरव्यू हॉल में पहुंच गए तथा जोरदार नारेबाजी के साथ इंटरव्यू प्रक्रिया बाधित की। हंगामे के कारण इंटरव्यू प्रक्रिया लगभग दो घंटे तक बाधित रही।
यूकेडी नेताओं का कहना था कि इंटरव्यू प्रक्रिया समेत पलायन आयोग कार्यालय के सारे कार्य पलायन प्रभावित क्षेत्र में चलाए जाएं। लगभग दो घंटे बाद दल के वरिष्ठ नेता लताफत हुसैन ने इंटरव्यू ले रहे अपर आयुक्त ग्रामीण विकास आरएस पोखरिया को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि भविष्य में भी अगर देहरादून आईटी पार्क स्थित कार्यालय में कोई कामकाज किया गया तो उत्तराखंड क्रांति दल कार्यालय में पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में पलायन आयोग के कार्यालय को देहरादून में अधिकारियों की ऐशगाह नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा यंग प्रोफेशनल के पद के लिए जारी की गई। पहली विज्ञप्ति सरकार की निष्पक्ष नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़े करती है।
महानगर अध्यक्ष संजय छेत्री ने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल पलायन आयोग में होने वाली नियुक्ति और ऐसे क्रियाकलापों पर गहरी नजर रखे हुए हैं। उत्तराखंड क्रांति दल का मानना है कि आज तक गठित हुए आयोग की सिफारिश सरकार लागू नहीं करा पाई है, ऐसे में पलायन आयोग का गठन केवल सरकारी धन के दुरुपयोग और बंदरबांट के लिए किया गया है। अगर सरकार की मंशा साफ है तो उसे पलायन आयोग का कार्यकाल अधिकतम तीन माह का करना चाहिए।