उत्तराखंड पुलिस के ”ऑपरेशन मुक्ति” ने 68 बच्चों को दी जीने की नई राह

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देहरादून में बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति की प्रभावी रोकथाम, जनता द्वारा बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूक करने व भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के पुनर्वास के लिए देहरादून जिले में 1 मई 2019 से 30 जून 2019 तक 2 महीने का एक अभियान ’’ऑपरेशन मुक्ति’’ नाम से चलाया गया।

इस अभियान का उद्देश्य विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ इंटीग्रेटेड ड्राइव चलाकर प्रभावी इनफोर्समेंट के माध्यम से बच्चों की भिक्षावृत्ति की रोकथाम करना, जनता द्वारा बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूक करना व भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों का पुनर्वास करना था।

 

5 जूलाई को पुलिस मुख्यालय, स्थित सभागार में अनिल के रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड की अध्यक्षता में समीक्षा गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें अभियान के नोडल अधिकारी शेखर सुयाल, क्षेत्राधिकारी नगर, देहरादून द्वारा अभियान के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया गया कि अभियान मे एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट हरिद्वार, कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल), उत्तरकाशी से 01 उ0नि0 व 01 हे0का0/का0, हल्द्वानी(नैनीताल), बनबसा (चम्पावत) व पिथौरागढ़ से 02 हे0का0/का0 व एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट विकासनगर, देहरादून में नियुक्त समस्त अधि0/कर्म0गण को नियुक्त करते हुए 04 टीमो का गठन किया गया, जिसमें प्रत्येक टीम में 01 महिला कर्मी को अनिवार्य रूप से नियुक्त किया गया।

अभियान जनपद देहरादून शहर के दर्शन लाल चौक, परेड़ ग्राउंड से एस्ले हॉल, आई0एस0बी0टी0, रिस्पना पुल, पैसिफिक मॉल, रेलवे स्टेशन, दिलाराम चौक, प्रिंस चौक से रेलवे स्टेशन, बल्लूपुर चौक आदि महत्वपूर्ण स्थानों पर जहां पर बच्चों द्वारा भिक्षावृत्ति की जाती है, में चलाया गया।

अभियान को निम्न तीन चरणों में विभक्त किया गयाः-

  • पहला चरणः-(Observation Period) 1 मई से 15 मई तक, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों व उनके परिवारों का विवरण तैयार करना।
  • दूसरा चरणः- Awereness Period) 16 मई से 15 जून तक देहरादून शहर में समस्त स्कूल, कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चौराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों आदि महत्वपूर्ण स्थानों, पर बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूकता अभियान चलाना तथा भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के परिवार वालों को भिक्षावृत्ति न करने व कौशल विकास के सम्बन्ध में जागरूक करना।
  • तीसरा चरणः- (Enforcement Period) दिनांक 16 जून से 30 जून तक, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाकर उनके परिजनों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कर कार्यवाही करना तथा किसी भी प्रकार का संदेह होने पर डी0एन0ए0 टेस्ट की कार्यवाही करना।
  • अभियान के प्रथम चरण में भीख मांगने, कूड़ा बीनने, गुब्बारा बेचने आदि कार्यों में लगे कुल 292 बच्चों का विवरण तैयार किया गया है।
  • अभियान के द्वितीय चरण में समस्त स्कूल कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चौराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों आदि स्थानों पर बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में बैनर पोस्टर, पम्पलेट, नुक्कड़ नाटक, धार्मिक स्थलों मे लाउड स्पीकर, सिनेमा घरों में Short Movie, सोशल मीडिया आदि के माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाकर तथा भिक्षावृत्ति में लिप्त परिवारों को भिक्षावृत्ति न कराने/करने व कौशल विकास (Skill Development) के सम्बन्ध मे जागरूक किया गया।
  • अभियान के तृतीय चरण में अभियान के दौरान भिक्षावृत्ति करने वाली 03 महिलाओं के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत करवाया गया।
  • ऑपरेशन मुक्ति की टीमों द्वारा अभियान में कुल 68 बच्चों का भिन्न-भिन्न विद्यालयों में दाखिला करवाया गया है, जिनमें से 01 दिव्यांग बच्चे राजू उम्र-11 वर्ष का NIVH तथा 67 बच्चों का सरकारी विद्यालयों में दाखिला करवाया गया है।

माह जून में विद्यालयों में अवकाश होने के कारण बच्चों के पुनः भिक्षावृत्ति में लिप्त होने की सम्भावना के दृष्टिगत ऑपरेशन मुक्ति की टीमों द्वारा बच्चों को विभिन्न स्थानों पर पढ़ाई करवायी गयी।

इस सेमिनार में सराहनीय कार्य करने वाले टीम प्रभारी उ0नि0 राकेश भट्ट व उनि विनिता चौहान को उत्साह वर्धन हेतु प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया तथा अभियान में विद्यालयों में दाखिल किये गये बच्चों को सहायता प्रदान करने वाले एनजीओ श्री मंगलम, अपना परिवार, RED FM से RJ काव्य, उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक के प्रबंधक सुदामा प्रसाद जायसवाल, सामजिक कार्यकर्ता प्रतिभा नैथानी व एनआईवीएच की प्रधानाचार्य श्रीमती गीतिका माथुर को स्मृति चिन्ह तथा बच्चों को पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा उपहार प्रदान किया गया।

इस सेमिनार में अशोक कुमार महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, दीपम सेठ महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, रिधिम अग्रवाल उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, निवेदिता कुकरेती वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून, ममता बोहरा अपर पुलिस अधीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, गैर सरकारी संगठन के सदस्य, ऑपरेशन मुक्ति के टीम प्रभारी व समस्त सदस्य, दाखिला कराये गये बच्चे उपस्थित रहे।