अब चारधाम देवस्थानाम बोर्ड राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने उत्तराखण्ड भाजपा सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। राज्य सरकार के चारधाम देवस्थानम बोर्ड गठन के फैसले को गैरकानूनी बताते हुए स्वामी ने अब इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाने की घोषणा कर दी है।
सोमवार को अपने ट्विटर के माध्यम से भाजपा नेता सुब्रमण्यम ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड गठन का जो फैसला लिया है वह अवैध है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बोर्ड के गठन से पहले उनसे बात करनी चाहिए थी। यह मामला लोगों की धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है। कहा कि इस बोर्ड के दायरे में जिन 51 मन्दिरों को रखा गया है उन सभी मन्दिरों के प्रतिनिधियों से उनकी वार्ता हुई है तथा सभी सरकार के इस निर्णय को सनातन धर्म की परम्पराओं के खिलाफ मानते हैं। उन्होंने सरकार के इस निर्णय को हाईकोर्ट नैनीताल में चुनौती देने की बात कही है।
राज्य सरकार के चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी के बाद विधानसभा द्वारा भी पारित कर दिया गया है और बोर्ड गठन प्रक्रिया गतिमान है। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ राज्य के तीर्थ पुरोहित और हक हुकूकधारी पहले दिन से विरोध कर रहे हैं जिसे लेकर वह भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी से मिले तथा इससे सम्बन्धित सभी दस्तावेज भी उन्हें सौंपे। इस विधेयक इसका विरोध कर रहे रावल का कहना है कि सरकार इस बोर्ड के सीईओ आईएएस अधिकारी को बनाया जाना सनातन धर्म की परम्पराओं के विरुद्ध है। उनका कहना है कि एक आईएएस अधिकारी को सनातन धर्म तथा उसकी पूजा पद्धतियों के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है।




















































