आतंकियों से मुठभेड़ में उत्तराखंड का लाल शहीद

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देहरादून के 37 वर्ष के शहीद जीत बहादुर सिंह थापा 4/1 गोरखा राइफल्स में कुपवाड़ा जिले के नोगाम सेक्टर में तैनात थे। 7 जून शाम को सेक्टर में हुई आतंकी मुठभेड़ के दौरान ग्रेनेड के छर्रे लग गए थे, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गये थे। नायक जीत बहादुर को तुरंत श्रीनगर के मिलिट्री अस्पताल लाया गया व फिर दिल्ली स्थित राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के अस्तपाल में उनका उपचार चल जहां करीब चार दिन जीवन और मौत की जंग से जूझते हुए उन्होंने रविवार शाम को अंतिम सांस ली।

देश की हिफाजत का प्रण लेकर सेना में भर्ती हुए उत्तराखंड के एक और लाल ने अपना वचन और फर्ज निभाते हुए शहादत दी। इस घटना की सूचना के बाद देहरादून में रहने वाले शहीद के परिजनों के बीच शोक की लहर सी बह गई। हालांकि अपने बेटे के बलिदान से उन्हें गौरव की अनुभूति भी हो रही है, लेकिन उसके न रहनें पर गम भी है।

शहीद के पार्थिव शरीर को सोमवार शाम दून लाकर गढ़ी कैंट स्थित मिलिट्री अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया है। यहां से पार्थिव शरीर को मंगलवार सुबह अंतिम दर्शन के लिए उनके बंजारावाला स्थित आवास पर लाया जाएगा। इसके बाद शहीद जीत बहादुर सिंह थापा का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ हरिद्वार में किया जाएगा।

उत्तराखंड सरकार ने जीत बहादुर की शहादत को नमन किया है और उनके परिजनों को सांत्वना दी है।