बीज घोटालेबाजों की जांच के लिये एसआईटी गठित

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उधमसिंहनगर, टीडीसी के बहुचर्चित गेहूं बीज घोटाले की जांच शासन ने एसआइटी के हवाले कर दी है। अपर पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा के नेतृत्व में गठित टीम घोटाले की जांच करेगी। 16 करोड़ रुपये के इस घोटाले में दस लोगों के खिलाफ पंतनगर थाने में एफआइआर दर्ज है। इनमें से एक की मृत्यु भी हो चुकी है।

उत्तराखंड बीज एवं तराई विकास लिमिटेड (टीडीसी) हल्दी में वर्ष 2015-16 में गेहूं बीज विक्रय में हुए घाटे पर शासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए 29 जुलाई 2016 को अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। इसमें आइजी कार्मिक जीएस मर्तोलिया, निदेशक कृषि गौरी शंकर, अपर सचिव कार्मिक सुनील पांथरी शामिल थे। जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट 28 जून 2017 को सौंप दी थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रबंध निदेशक के निर्देश पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सीके सिंह द्वारा पंतनगर थाने में सात अगस्त को रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसमें तत्कालीन लेखाधिकारी अतुल पांडे (मृत), लेखाधिकारी जीसी तिवारी, प्रशासनिक अधिकारी (सेवानिवृत) शिवमंगल त्रिपाठी, उप मुख्य वित्तीय अधिकारी बीडी तिवारी, उप मुख्य विपणन अधिकारी अजीत सिंह, उप मुख्य विपणन अधिकारी (सेवानिवृत) एके लोहनी, मुख्य बीज उत्पादन अधिकारी दीपक पांडेय, मुख्य अभियंता (निलंबित) तत्कालीन विपणन प्रभारी (सेवानिवृत) पीके चौहान, कंपनी सचिव आरके निगम, पूर्व प्रबंध निदेशक पीएस बिष्ट को जांच में दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी।

मामले की जांच पंतनगर पुलिस कर रही थी, लेकिन मामला गंभीर होने के कारण शासन ने इस पर ठोस कदम उठाते हुए निष्पक्ष जांच के लिए मामले को एसआइटी के हवाले कर दिया। अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था आरएस मीणा ने अपर पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा के नेतृत्व में टीम का गठन किया हैं। एसआइटी में एएसपी पिंचा के अलावा सीओ सिटी स्वतंत्र कुमार, एसएचओ पंतनगर संजय पाठक, एसएचओ दिनेशपुर डीआर वर्मा, एसआइएस प्रभारी एनएन पंत, सिडकुल चौकी प्रभारी एनपी सिंह को शामिल किया गया है।