उत्तराखंड में 10 हजार तैनात होंगे वन प्रहरी

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Forest fire in chamoli
वन और जन की दूरी कम करने के लिए तथा वन प्रबंधन में स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने उद्देश्य से 10 हजार वन प्रहरी को तत्काल प्रभाव से तैनात किया जा रहा है।
सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वनाग्नि की समीक्षा की। इस दौरान उत्तराखंड में महिलाओं काआर्थिक सुदृढ़ीकरण करने तथा वनाग्नि प्रबन्धन में महिलाओं का अभूतपूर्व योगदान को दृष्टिगत रखते हुए इन दस हजार वन प्रहरियों में से पांच हजार महिला वन प्रहरियों की सहभागिता सुनिश्चित करने का फ़ैसला लिया गया है।
-वनाग्नि प्रबंधन में पांच हजार महिलाओं की भागीदारी के लिए बनाएं योजना
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वनाग्नि घटना रोकथाम के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जानबूझकर आग लगाने वालों को चिन्हित किया जाए। मुख्यमंत्री ने वनाग्नि प्रबंधन में पांच हजार महिलाओं की सक्रिय भागीदारी की योजना बनाने के साथ ही कैम्पा में स्वीकृत धनराशि को तत्काल फील्ड लेवल तक उपलब्ध कराने और आपदा प्रबंधन विभाग को वनाग्नि शमन के लिए हेलीकाप्टर की भी व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। वहीं फायरलाईन की माॅनिटरिंग के लिए ड्रोन सर्वे कराने पर जोर दिया।
सोमवार शाम सचिवालय में आयोजित बैठक में वनाग्नि प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा  मुख्यमंत्री ने समीक्षा की। इस दौरान कहा कि वन पंचायतों और स्थानीय लोगों की सहभागिता बहुत जरूरी है। वनाग्नि प्रबंधन संबंधी कार्यों में पांच हजार महिलाओं की सक्रिय भागीदारी की योजना बनाने और फोरेस्ट फायर कन्जरवेंसी सिस्टम को विकसित कर आमजन में व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के हक हकूक का समय से वितरण किया जाए। वन, पुलिस,राजस्व व अन्य संबंधित विभागों में पूरा समन्वय हो।
मुख्यमंत्री ने वनाग्नि शमन के दौरान मृतक कार्मिकों और स्थानीय नागरिकों के परिवारों को अनुग्रह राशि अविलम्ब उपलब्ध कराई जाएं। जिलाधिकारी से नियमित रूप से वनाग्नि प्रबंधन की समीक्षा करने के साथ ही आवश्यक मानव संसाधन,उपकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। यदि कोई समस्या हो तो शासन को इस संबंध में जानकारी देने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि के कारण जो भी क्षति होती है, उसमें आपदा के मानकों के अनुसार तत्काल राहत राशि प्रदान की जाए। पिरूल एकत्रण का भुगतान समय से हो। इसके लिए प्रभावी मैकेनिज्म बना लिया जाए।
बैठक में बताया गया कि प्रतिवर्ष लगभग 36 हजार हैक्टेयर वन क्षेत्र में वनाग्नि शमन के लिए जरूरी नियंत्रित दाहन किया जाता है। लगभग 2700 किमी फायर लाईनों का रखरखाव किया जाता है। स्थानीय निवासियों से प्रतिवर्ष लगभग 7000 फायर वाचर अग्निकाल में लगाए जाते हैं। 40 मास्टर कंट्रोल रूम, 1317 कू्र स्टेशन और 174 वाच टावर स्थापित हैं। जिला फायर समितियों की बैठक कर ली गई हैं।