उत्तरकाशी के धराली में मौसम साफ होने के बाद हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरना शुरू कर दिया है। इसके बाद रेस्क्यू टीमें और मेडिकल स्टाफ अब हेलीकॉप्टर के जरिए धराली पहुंच रहे हैं। इससे रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आ गई है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने विज्ञप्ति में बताया कि दोपहर बाद मौसम साफ होने के बाद हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी और रेस्क्यू टीमों को मौके पर पहुंचाया। कुल सात हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरी। हेलीकॉप्टों से जिला प्रशासन की टीम, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के कुल 22 लोग ग्राउंड जीरो पर पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तरकाशी जिलाधिकारी व एसपी भी घटनास्थल पर पहुंचे। एनडीआरएफ के 28 जवान भी 02 सेटेलाइट फोन के साथ हेलीकॉप्टरों के जरिये धराली पहुंच चुके हैं। सेना के 10 जवानों को धराली से रेस्क्यू किया है। इनमें 02 घायलों को हेलीकॉप्टर से हायर सेंटर भेजा गया है, दो अन्य को सड़क मार्ग से एम्स ऋषिकेश भेजा जा रहा है। शेष अन्य का उपचार मातली व जिला चिकित्सालय में किया जा रहा है। साथ ही 03 नागरिकों को रेस्क्यू किया गया। इन्हें उपचार के लिए जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में भर्ती कराया गया है।
जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा चिनूक
भारतीय वायुसेना के 02 चिनूक हेलीकॉप्टर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं। इनमें एनडीआरएफ के 50 जवानों व उपकरणों को ग्राउंड जीरो के लिए भेजे जाने की तैयारी की जा रही है। एक एमआई 17 हेलीकॉप्टर खराब मौसम के कारण जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लैंड नहीं कर पाया और उसे वापस सरसावा बेस लौटना पड़ा। मौसम साफ होते ही एमआई 17 के पुनः लैंडिंग के प्रयास किए जाएंगे। वहीं 115 स्पेशल फोर्सेज के साथ सेना के 05 एएन-32 हेलीकॉप्टर जौलीग्रांट पहुंच चुके हैं।
युद्धस्तर पर रात और बचाव कार्य जारी
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मार्ग बंद होने के कारण विभिन्न बचाव दल विभिन्न स्थानों में फंसे हैं। बंद सड़कों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। मार्ग खुलते ही सभी दल घटना स्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान प्रारंभ करेंगे।
राहत एवं बचाव दलों का विवरण
-वर्तमान में राजपुताना रायफल्स के 150 जवान तथा घातक बटालियन के 12 जवान ग्राउंड जीरो पर मौजूद हैं तथा राहत व बचाव कार्य कर रहे हैं।
-आईटीबीपी के 100 कार्मिक जिनमें अधिकारी, डॉक्टर व जवान शामिल हैं, मौके पर राहत और बचाव कार्यों को संचालित कर रहे हैं।
-एसडीआरएफ के 06 जवान भी मंगलवार से ही धराली में मौजूद हैं और उनके द्वारा राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।
-सेना के 40 जवान नेलांग से पैदल रवाना किए गए हैं। वहीं 50 जवानों की मेडिकल टीम टेकला तक पहुंच गई है।
-आईटीबीपी के 130 अतिरिक्त जवान घटनास्थल के लिए रवाना किए गए हैं।
-एसडीआरएफ के 10 जवान सेटेलाइट फोन के साथ भटवाड़ी पहुंच गए हैं। 07 जवान लाटा पहुंच गए हैं। 07 जवान सेटेलाइट फोन के साथ गंगोत्री में मौजूद हैं।
-उजैली में ढालवाला बटालियन से 20 जवानों को भेजा गया है। 08 जवानों को सहस्त्रधारा हैलीपैड पर रिजर्व में रखा गया है।
-एनडीआरएफ के 79 जवान पापड़गाड़ में फंसे हैं। हालांकि 15 को यहां से आगे भेजने में सफलता मिली है। 07 जवान गौचर से उत्तरकाशी रवाना किए गए हैं।
-50 व 24 सदस्यीय 02 टीमें जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर स्टैंडबाई में हैं। 15 जवान सहस्त्रधारा हेलीपैड पर है।
-फायर सर्विस यूनिट गंगोत्री के 04 जवान घटनास्थल पर मौजूद हैं।
-उत्तरकाशी फायर स्टेशन में अन्य जनपदों से भेजी गई 03 टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
-जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी से एक मेडिकल टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है।
-दून मेडिकल कॉलेज से 11 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम, स्वास्थ्य विभाग के 05 विशेषज्ञों की टीम भी रवाना कर दी गई है।
-मनोचिकित्सकों की टीम भी बनाई गई है, जिसे घटनास्थल के लिए रवाना किया जा रहा है। 25 एम्बुलेंस तैयार हैं।
-सीएचसी भटवाडी, चिन्यालीसौंड़, जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी, जिला चिकित्सालय देहरादून, दून मेडिकल कॉलेज तथा एम्स ऋषिकेश में 65 आईसीयू बैड तथा 270 जनरल बैड आरक्षित किए गए हैं।
-शाम को करीब पांच बजे चार सदस्यीय एक मेडिकल टीम हर्षिल पहुंच गई है।