पार्टी सत्ता के लिए अपना चरित्र,चिंतन,चेहरा और चाल खोती जा रही- विजया बर्थवाल

टिकट बँटवारे को लेकर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। गुरुवार यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र की भाजपा की सिटिंग विधायक विजया बर्थवाल ने पार्टी केंद्र ख़िलाफ़ सुर बुलंद कर दिये। उन्होंने बीजेपी से अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि मेरा राजनैतिक सफर 20-22 साल पुराना है और इसके दौरान मैंने बहुत ही ईमानदारी के साथ पार्टी की सेवा की है। उन्होंने कहा की मेरे साथ बेइंसाफी हुई है और इस बार भाजपा ने जो किया वो बहुत ही पीड़ादायक है।

उन्होंने कहा कि मैं पार्टी से यह सवाल करना चाहती हूं कि आखिर मेरा दोष क्या है या मैंने ऐसा क्या कर दिया कि पार्टी ने मेरा टिकट काट दिया। विजया ने कहा मेरे पास तमाम विकल्प है और मैं चाहूं तो बगावत कर सकती लेकिन मैं सोच समझ के ही कोई भी कदम उठाऊंगी। उन्होंने कहा कि इतनी लंबी निस्वार्थ सेवा करने के बाद भी पार्टी ने बिना किसा सलाह मशवरे के मेरा टिकट काट के किसी और के हाथ में दे दिया।उन्होंने कहा कि मैं तीन बार विधायक रही हूं और पार्टी से मेरा लगाव है इसलिए मैं कोई कदम नहीं उठा रही लेकिन पार्टी को भी अपने फैसले पर सोचना होगा।

उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भाजपा ने अपना चरित्र,चेहरा,चाल और चिंतन सब खो दिया है और यह अपने आप में एक चिंता का विषय है।उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मेरे साथ नहीं हुआ है पार्टी के कायकर्ताओं के भावनाओं को दरकिनार कर पार्टी में मनमानी हुई है।

ग़ौरतलब है कि विजया का टिकट काट कर भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी ऋतु खंडूरी को दिया ग़यासुद्दीन है। विजया ने भुवन चंद्र खंडूरी पर निशाना साधते हुए कहा कि खंडूड़ी जी से हुई बातचीत में मुझे यह यकिन दिलाया गया था कि मेरा टिकट पक्का है लेकिन अंत में मेरा टिकट काट दिया गया।उन्होंने कहा कि मुझे खंडूड़ी जी के इस बात से काफी धक्का पहुंचा है और रितु खंडूड़ी की मुझसे आर्शीवाद और मुलाकात वाली खबर सरासर गलत है। विजया ने कहा कि अब मैं स्वतंत्र हूं और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम करुंगी और जरुरत पड़ी तो मैं विरोध भी करुंगी।