देश में 109 मार्गों पर चलेंगी 151 निजी ट्रेन, रेलवे ने शुरू की टेंडर प्रक्रिया

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रेलवे

केंद्र सरकार ने तेजस के बाद अब 109 मार्गों पर निजी ऑपरेटरों की मदद से 151 ट्रेनों को चलाने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है।

 रेल मंत्रालय के अनुसार, इन ट्रेनों की खरीद, फंड एकत्र करने, ट्रेन परिचालन और रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी निजी कंपनियों की होगी। इन ट्रेनों को भारतीय रेलवे के चालक और गार्ड द्वारा संचालित किया जाएगा। रेल मार्गों के इस्तेमाल और बिजली की खपत के एवज में निजी कंपनियां रेलवे को भुगतान करेंगी। इतना ही नहीं कंपनियों को अपने राजस्व में भी रेलवे को हिस्सेदार बनाना होगा।
 रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि रेलवे के इस कदम से रोजगार के साथ ही यात्रियों को विश्व स्तर की सुविधाएं भी मिलेंगी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, रेलवे ने 151 आधुनिक ट्रेनों के माध्यम से 109 जोड़े मार्गों पर यात्री ट्रेन संचालन के लिए निजी भागीदारी के लिए रिक्‍वेस्‍ट फॉर क्‍वालिफिकेशन डाक्‍यूमेंट (आरएफक्‍यू) आमंत्रित किया है।
उन्होंने कहा कि यह पहल नौकरी सृजन को बढ़ावा देगी, यात्रा समय को कम करेगी, यात्रियों को बढ़ी हुई सुरक्षा और विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करेगी।
मंत्रालय के अनुसार 109 ओरिजन डेस्टिनेशन को भारतीय रेलवे नेटवर्क में 12 समूहों में बनाया गया है। प्रत्येक ट्रेन में न्यूनतम 16 कोच होंगे। इस परियोजना से लगभग 30,000 करोड़ रुपये का निजी क्षेत्र का निवेश होगा। यह भारतीय रेलवे नेटवर्क पर पैसेंजर ट्रेनों को चलाने के लिए निजी निवेश की पहली पहल है। भारत में निर्मित होने वाली गाड़ियों की अधिकांश संख्या होगी। निजी संस्था गाड़ियों के वित्तपोषण, खरीद, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगी। ट्रेनों को अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे की गति के लिए डिज़ाइन किया जाएगा। यात्रा के समय में पर्याप्त कमी होगी। किसी रेलगाड़ी द्वारा चलाए जा रहे समय की तुलना संबंधित मार्ग में चलने वाली भारतीय रेल की सबसे तेज ट्रेन से या उससे अधिक होगी।
 परियोजना के लिए रियायत अवधि 35 वर्ष होगी। निजी इकाई भारतीय रेलवे को निर्धारित ढुलाई शुल्क, वास्तविक खपत के अनुसार ऊर्जा शुल्क और पारदर्शी राजस्व प्रक्रिया के माध्यम से निर्धारित सकल राजस्व में हिस्सेदारी का भुगतान करेगी। इन ट्रेनों को भारतीय रेलवे के चालक और गार्ड द्वारा संचालित किया जाएगा। निजी संस्था द्वारा गाड़ियों का संचालन प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों जैसे समय की पाबंदी, विश्वसनीयता, गाड़ियों के रखरखाव आदि के अनुरूप होगा। यात्री ट्रेनों का संचालन और रखरखाव भारतीय रेलवे द्वारा निर्दिष्ट मानकों और निर्देशों और आवश्यकताओं द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।