देवप्रयाग से गंगा सागर तक जाने वाली राफ्टिंग टीम का होगा स्वागत

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हरिद्वार,  जल शक्ति मंत्रालय, नमामि गंगे और स्पर्श गंगा के संयुक्त तत्वावधान में 11 अक्टूबर को चंडीघाट पर देवप्रयाग से गंगासागर तक राफ्टिंग से जाने वाली टीम का गंगा आमंत्रण स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह जानकारी स्पर्श गंगा की ओर से दी गई।
कार्यक्रम को सफल बनाने को शंकर आश्रम के पास हुई बैठक में रीता चमोली व रजनी वर्मा ने बताया कि जल शक्ति मंत्रालय के सौजन्य से सेना के विभिन्न अंगों के अधिकारी, सीएसआईआर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टोक्सालॉजी तथा वाइल्ड लाइफ इंस्टीयूट के वैज्ञानिकों की एक टीम देवप्रयाग से गंगासागर तक राफ्टिंग एक्सपेडिशन करेगी।
बताया कि 10 अक्टूबर से 12 नवंबर तक इस राफ्टिंग अभियान में विभिन्न पड़ावों में गंगा किनारे रहने वाले जनमानस को गंगा की अविरलता और निर्मलता के प्रति जागरूकता एवं स्वच्छता सन्देश ‘‘नहीं रुकेंगे हम स्वच्छ करेंगे‘‘ देने के साथ साथ जल संरक्षण के प्रति भी जागरूक करेगी।
इस दौरान संयुक्त टीम गंगा के किनारे लगभग 34 पड़ावों पर विभिन्न गतिविधियों जैसे घाटों पर श्रमदान, गंगा स्वच्छता, रैलियां, नुक्कड़ नाटिका, बाल मेला, घाटों के किनारे पौधरोपण एवं अन्य जागरुकता के अभियान को क्रियान्वित करेंगी। राफ्टिंग के दौरान वैज्ञानिक दल गंगा जल की जैव विविधता का सूक्ष्मता से अध्ययन भी करेंगे। इस अभियान का नेतृत्व वायु सेना के विंग कमांडर परमवीर सिंह करेंगे।
डा.विशाल गर्ग ने बताया कि 11 अक्टूबर को नमामि गंगे चंडी घाट पर स्पर्श गंगा उस टीम का स्वागत करेगी जिसमें विभिन्न विद्यालयों के बच्चे चित्रकला प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। इसमें मुख्य अतिथि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री माननीय ’डा.रमेश पोखरियाल निशंक रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद करेंगे। कार्यक्रम में संत महापुरूष व विधायकों के साथ शहर के गण्यमान्य लोग उपस्थित रहेंगे।
कार्यक्रम को शोभामय और संदेश पूर्ण बनाने के लिए कई विद्यालयों की सहभागिता भी रहेगी। चित्रकला प्रतियोगिता में बच्चे हम भी गंगा स्वच्छता प्रहरी विषय पर चित्र बनाकर समाज को जागरूक करने का कार्य करेंगे। इसके साथ बच्चे मानव श्रृंखला बनाकर गंगा स्वच्छता सन्देश एक्सप्रेस के माध्यम से जनजागरूकता का सन्देश भी प्रसारित करेंगे। प्रतियोगिता में उच्च स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों के चित्र पीएमओ, जलशक्ति मंत्रालय और मानव सन्साधन मंत्रालय भेजे जाएंगे। प्रतिभाग करने वाले सभी बच्चों को मंत्रालय से प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे।