पुलिस ने 393 बच्चों में से 288 बच्चों को परिजनों से मिलाया

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अशोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखण्ड के निर्देशन में एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने 11 दिसम्बर 2017 से 25 दिसम्बर 2017 तक देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर में चौराहों, बजारों, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, धार्मिक स्थलों आदि सार्वजनिक स्थानों जहाँ पर बच्चों के द्वारा भिक्षावृत्ति की जाती है में विशेष अभियान चलाया गया।

देहरादूनहरिद्वारनैनीताल व ऊधमसिंहनगर में भिक्षावृत्ति करते हुए पाये गये 393 बच्चों (216 बालक व 177 बालिकायेंको उनके परिजनों के सुपुर्द/बालगृह दाखिल किया गया। 393 बच्चों में से 288 बच्चों के परिजनों को यह हिदायत भी कि उनके बच्चों द्वारा पुनः भिक्षावृत्ति नहीं की जायेगीबच्चों के पुनः भिक्षावृत्ति करते पाये जाने पर परिजनों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जायेगी तथा बच्चों को पढ़ाई हेतु स्कूल भेजा जायेगाउनके परिजनों के सुपुर्द किया गया। 

बच्चेजिनमें से 2 बच्चों के परिजनों की जानकारी नहीं हो पायी तथा 2 बच्चे जिन्हे उनके पिता द्वारा पालने में असमर्थता जतायी गयीको सी.डबलू.सी के माध्यम से पुनर्वास के लिये बाल संरक्षण गृह भेजा गया अौर एक बालक के बीमार होने के कारण राजकीय चिकित्सालय देहरादून में भर्ती कराया गया।

भीख माँगने वाले बच्चों में 387 बच्चे 14 वर्ष व उससे निम्न आयु के हैं। देहरादून ने 4 बच्चों काजनपद ऊधमसिंहनगर ने 21 बच्चों का स्कूल में दाखिला व जनपद नैनीताल ने 35 बच्चों को डे-केयर होम धरोहर के सुपुर्द किया गया। धरोहर संस्था द्वारा बच्चों की 3 माह तक अपनी संस्था में प्रतिदिन भोजन,आवासशिक्षा की व्यवस्था की जाती है। अभियान में चाईल्ड हेल्प लाईनसी.डब्लू.सी व आशरा ट्रस्ट देहरादूनधरोहर स्वयं सेवी संस्थाकुमायूं सेवा समिति द्वारा भी सहयोग प्रदान किया गया।

अभियान का जनपद विवरण निम्नवत हैः-

क्र.सं.     जनपद         बालक     बालिका         योग

1         देहरादून         57       41            98

2         हरिद्वार        56       37            93

3         ऊधमसिंहनगर    87       67            154

4         नैनीताल        16       32            48  

          कुल            216      177           393