प्लास्टिक फ्री पहले नगर निगम को मिलेगा एक करोड़ का इनाम : मुख्यमंत्री

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देहरादून,  प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि, “उत्तराखण्ड में प्लास्टिक फ्री होने वाले पहले नगर निगम को एक करोड़ रुपये का इनाम दिया जायेगा। इसी तरह प्लास्टिक फ्री होने वाली पहली नगर पालिका को 75 लाख रुपये एवं नगर पंचायत को 50 लाख रुपये का इनाम दिया जायेगा। स्वच्छता सर्वेक्षण में भारत में प्रथम 100 में आने वाले प्रदेश के निकाय को एक करोड़ रुपये दिये जायेंगे। “
स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 विषय पर नगर निकायों एवं छावनी परिषदों की एक दिवसीय कार्यशाला का मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि हमें उत्तराखण्ड को स्वच्छ, स्वस्थ, सामथ्र्यवान व सम्पन्न राज्य बनाना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का लगभग 71 प्रतिशत हरित क्षेत्र है। देश को शुद्ध वायु व जल प्रदान करने में उत्तराखण्ड की महत्वपूर्ण भूमिका है। पर्यावरण के संरक्षण के लिए जहां उत्तराखण्ड का विशिष्ट स्थान है, वहीं इसको संजोये रखना भी हमारी जिम्मेदारी है। स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए जन सहयोग जरूरी है। जन आन्दोलन से ही हम किसी अभियान को सिद्धि तक पहुंचा सकते हैं। स्वच्छता अभियान के लिए प्रत्येक नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
अच्छा कार्य करने वाले को किया सम्मानित 
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नगर निकायों की नियमावलियों की पुस्तक का विमोचन भी किया। सीएम ने स्वच्छता रैंकिंग के तहत अच्छा कार्य करने वाले प्रथम तीन नगर निकायों को सम्मानित किया और उन्हें पुरस्कार राशि प्रदान की। प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले नगर निगमों को क्रमशः 20 लाख, 15 लाख एवं 10 लाख की धनराशि प्रदान की गई। इसके अलावा ये तीनों नगर निगम स्वच्छता व अवस्थापना से संबंधित कार्यों के लिए क्रमशः एक करोड़, 75 लाख एवं 50 लाख तक की लागत का प्रस्ताव शासन को भेज सकते हैं।
इस रैंकिंग में नगर निगम रुड़की ने प्रथम, काशीपुर ने द्वितीय व हल्द्वानी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। नगर पालिका परिषद मुनी की रेती, गौचर एवं गोपेश्वर को क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार मिला। इन नगर पालिका परिषदों को 15 लाख, 10 लाख व 07 लाख की धनराशि प्रदान की गई। ये नगर पालिका परिषद स्वच्छता व अवस्थापना से संबंधित कार्यों के लिए क्रमशः 75 लाख, 50 लाख व 30 लाख रुपये तक का प्रस्ताव शासन को भेज सकते हैं। नगर पंचायतों में अगस्त्यमुनी ने प्रथम, गजा ने द्वितीय व शक्तिगढ़ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इन नगर पंचायतों को क्रमशः 10 लाख, 08 लाख व 05 लाख की पुरस्कार राशि दी गई। इन नगर पंचायतों को स्वच्छता व अवस्थापना से संबंधित कार्यों के लिए क्रमशः 50 लाख, 30 लाख व 20 लाख रुपये की अनुमन्यता प्रदान की जा चुकी है।
निकायों पुरस्कार की राशि तीन गुना की जायेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वच्छता रैंकिंग में प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान पर आने वाले नगर निकायों को पुरस्कार राशि तीन गुना की जायेगी। अब इन नगर निकायों को क्रमशः 20 लाख, 15 लाख व 10 लाख के स्थान पर 60 लाख, 45 लाख व 30 लाख रुपये की धनराशि पुरस्कार स्वरूप दिया जायेगा। नगर पालिकाओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने पर क्रमशः 15 लाख, 10 लाख व 07 लाख रूपये की धनराशि मिलती थी, जो अब बढ़ाकर 45 लाख, 30 लाख व 21 लाख किया गया है। जबकि प्रथम तीन स्थान पर आने वाले नगर पंचायतों को मिलने वाली धनराशि क्रमशः 10 लाख, 08 लाख एवं 05 लाख से बढ़ाकर 30 लाख, 24 व 15 लाख रुपये प्रदान किये जायेंगे।
सुनियोजित कार्य योजना बनाकर कार्य करें: कौशिक 
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि नगर निकायों को स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अवस्थापना सुविधाओं से स्वच्छता पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। राज्य सरकार द्वारा नगर निकायों को मजबूत बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। नगर निकाय जो धनराशि अवस्थापना सुविधाओं व स्वच्छता के कार्यों के लिए मिल रहे हैं, उनकी सुनियोजित कार्य योजना बनाकर कार्य करें। इस दिशा में कई निकायों ने अच्छा कार्य किया है। उन्होंने कहा कि यदि शहर स्वच्छ हों तो, आधी समस्याएं इससे ही समाप्त हो जायेंगी।
14 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक विशेष अभियान 
संयुक्त सचिव शहरी विकास, भारत सरकार डी.के जिंदल ने कहा कि स्वच्छता के प्रति देशभर में व्यापक स्तर पर जन आन्दोलन चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ का जो प्रण लिया है, इसके तहत देश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए 14 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सबको अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। घरों में गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग करना जरूरी है। इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, डाॅ.जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, ऊषा चौधरी, नगरीय पर्यावरण संरक्षण समिति के उपाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र हर्बोला, सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली, निदेशक शहरी विकास विनोद कुमार सुमन आदि उपस्थित थे।