71 लाख के गबन में नेता प्रतिपक्ष का पूर्व पीए गिरफ्तार

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उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश के पूर्व वैयक्तिक सहायक (पीए) लक्ष्मीकांत पसपोला को मध्य प्रदेश पुलिस ने हल्द्वानी से गिरफ्तार किया है। लक्ष्मीकांत समेत दो के खिलाफ मध्य प्रदेश में एक प्रतिष्ठित शराब व बीयर कंपनी का फर्जी अकाउंट खोलकर 71 लाख रुपये के गबन का मुकदमा दर्ज है। पसपोला से कोतवाली में करीब दो घंटे तक पूछताछ की गई। न्यायालय में पेशी के बाद तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर मध्य प्रदेश पुलिस उसे लेकर रवाना हो गई है।

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के अंतर्गत रोजड़ाचक में सोम डिस्टलरी एवं ब्रेवरीज लिमिटेड के नाम से प्रतिष्ठित शराब व बीयर कंपनी है। कंपनी उत्तराखंड में भी अपनी शराब व बीयर बेचती है। कंपनी का उत्तराखंड में काम देहरादून निवासी अंबर जायसवाल नाम का व्यक्ति देखता है। आरोप है कि अंबर व हल्द्वानी के लक्ष्मीनगर, भोटियापड़ाव निवासी लक्ष्मीकांत पसपोला ने मिलकर दून के पीएनबी व आईडीबीआई बैंक में कंपनी के नाम से दो फर्जी अकाउंट खोले। खाते खोलने के लिए आधार कार्ड, पेन कार्ड आदि दस्तावेज लक्ष्मीकांत के लगाए गए। इसके बाद शराब कारोबारियों से फर्जी खाते में कुल 71 लाख रुपये जमा करवा लिए गए। यही नहीं दोनों ने मिलकर जिला पंचायत देहरादून से शराब की फर्जी दुकान का लाइसेंस भी बनवाया।

सोम डिस्टलरी एंड ब्रेवरेज कंपनी के पीआरओ आलोक मीणा ने मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के उमरावगंज थाने में इस साल 29 अगस्त को लक्ष्मीकांत व अंबर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में उमरावगंज थाने के एएसआइ नरेंद्र पांडे के नेतृत्व में तीन पुलिसकर्मियों की टीम शनिवार को हल्द्वानी कोतवाली पहुंची। स्थानीय पुलिस की मदद से लक्ष्मीकांत को पकड़कर कोतवाली लाया गया। यहां एएसआई नरेंद्र पांडे ने उससे लंबी पूछताछ की। इसके बाद लक्ष्मीकांत को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। न्यायालय ने मध्य प्रदेश पुलिस को तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड देकर इस अवधि के भीतर मध्य प्रदेश के न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए।

विधानसभा चुनाव से पहले पद से हटाया गया था लक्ष्मीकांत
लक्ष्मीकांत विधानसभा चुनाव से पूर्व तक डॉ. इंदिरा हृदयेश का वैयक्तिक सहायक था। संदिग्ध गतिविधियों के कारण चुनाव से पहले डॉ. इंदिरा हृदयेश ने उसे इस पद से हटा दिया था। इधर, पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद लक्ष्मीकांत ने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि उसके फर्जी दस्तावेजों से कंपनी का अकाउंट खोला गया है। उसे अकाउंट के बारे में कोई जानकारी नहीं है।