सावन में रोजाना दो लाख से ज्यादा कांवड़िये करते है नीलकंठ महादेव में जलाभिषेक

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ऋषिकेश-सावन का महीना शुरू होते ही बड़ी संख्या कावड़िये दिल्ली-हरियाणा-पंजाब-यूपी से गंगा जल लेने लिए हरिद्वार – ऋषिकेश पहुँचते है। यहाँ जल लेकर कांवड़िये नीलकंठ महादेव में सबसे पहले जलाभिसेक करते है। हर सोमवार को नीलकंठ – ऋषिकेश छेत्र में लाखो संख्या में शिवभक्तो का आना जाना लगा रहता है।

प्रशासन को व्यवस्था बनाने में काफी मुस्किलो का सामना करना पड़ता है, लेकिन इस यात्रा को लेकर प्रशासन अंतिम क्षणों में जगता है।  यात्रा में मेला छेत्र में पड़ने वाले स्थानों के लिए प्रशासन ने व्यवस्था बनाना शुरू कर दिया है। गढ़वाल कमिश्नर शैलेश बगोली ने सभी विभागों की सयुक्त बैठक कर छेत्र में व्यवस्थाओ को दुरुस्त करने के आदेश दिए और कहा की इसमे कोई कोताही नहीं बरती जाएगी, और सारी तैयारियां पूरा करने के लिए 2 दिन का समय सभी विभागों को दिया गया है, जिसे कावड़ यात्रा को सकुशल कराया जा सके।

ऋषिकेश नगरपालिका के सभागार मे आयोजित  बैठक मे हरिद्वार से ब्रहमपुरी लक्ष्मण-झूला से नीलकंठ तथा जिला मार्ग पर बिजली, पानी, सड़क, शौचालय ,स्वच्छता को लेकर जहां अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। वही वन विभाग के अधिकारियों से । जंगली हाथियों, गुलदार तथा अन्य जंगली जानवरों से कावड़ियों की सुरक्षा को लेकर विचार विमर्श हुआ इसी के साथ बैठक में वन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दें कि उनके द्वारा वन विभाग की टीम को कई भागों में विभाजित कर जिम्मेदारियां सौंपी गई है, जोकि कांवडिय़ों की सुरक्षा को लेकर जंगली जानवरों को जंगल में ही रोकेंगे।

इसी के साथ बैठक में मार्गों पर लगे हाई मास्क लाइट को भी तत्काल ठीक कर लिए जाने के अतिरिक्त बैराज से लक्ष्मण झूला क्षेत्र में बनी पार्किंग पर सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया। बैठक में जल विभाग को भीड़ भाड़ वाले इलाकों में पेयजल की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कहा गया, जिसमें कहा गया कि ऋषिकेश क्षेत्र में 70 टूवैल्स है जिनमें पानी की व्यवस्था यात्रियों के लिए की गई है। साथ ही 1 दर्जन से अधिक पानी के टैंकर भी मौके पर रहेंगे, 30 नल लगे हैं, जिनमें जब तक पानी का प्रवाह किया जा रहा है।