एक शिक्षक, नौ विषयों का संचालन

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कालसी/ विकासनगर। सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राआें का भविष्य निर्माण किस तरह हो रहा है इसका अंदाजा ब्लाक क्षेत्र के जूनियर हाईस्कूलों का निरीक्षण करने से लगाया जा सकता है। जूहा स्कूल सवाई में पिछले दो वर्षों से अधिक समय से तीन कक्षाओं के नौ विषयों के संचालन के लिए मात्र एक ही शिक्षक तैनात है, जो पचास बच्चों को पढ़ा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि ब्लाक के संबंधित अधिकारियों को मालूम ही नहीं है कि कितने विद्यालयों में मात्र एक ही शिक्षक तैनात हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारी नौनिहालों की शिक्षा के प्रति कितने संवेदनशील हैं।
सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लाख दावे करे, मगर जब तक संबंधित अधिकारी लापरवाह बने रहेंगे स्कूलों की स्थिति में सुधार आना नामुमकिन है। आलम यह है कि ब्लाक की उप शिक्षाधिकारी को स्कूलों में तैनात शिक्षकों की संख्या ही मालूम नहीं है। ब्लाक क्षेत्र के राजकीय जूनियर हाईस्कूल सवाई में पिछले दो वर्षों से एक ही शिक्षक तैनात हैं, जबकि यहां छात्र संख्या पचास से अधिक है। तीन कक्षाओं में नौ विषयों का संचालन होता है, इस तरह एक दिन में 27 विषय पढ़ाए जाते हैं। एक शिक्षक किस तरह से तीन कक्षाओं को नौ विषय पढाता होगा इसका सहज की अंदाजा लगाया जा सकता है। सामान्य वर्ग के शिक्षक के सहारे ही गणित, विज्ञान, अंग्रेजी जैसे विषयों को भी पढ़ाया जा रहा है। शिक्षकों के अभाव में विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को सिर्फ किताबों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। यह आलम तब है, जब विभाग द्वारा प्रत्येक जूनियर हाई स्कूल में तीन शिक्षकों की तैनाती अनिवार्य की गई है। सरकारी स्कूलों के प्रति संबंधित अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा इन स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहालों को भुगतना पड़ रहा है, जबकि जिम्मेदार अधिकारी कागजों में व्यवस्था चाक चौबंद दिखाकर इतिश्री कर रहे हैं।
उधर, उप शिक्षाधिकारी पूजा नेगी दानू ने कहा कि शिक्षकों के रिक्त पदों की सूची उच्चाधिकारियों को भेजी गई है। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर अन्य विद्यालयों से शिक्षकों की तैनाती जूहा सवाई में की जाएगी। जूनियर हाईस्कूल में पढ़ाए जाने वाले विषय: हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, विज्ञान, गणित, कला, योग, सामाजिक विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान।