पिथौरागढ(बेरीनाग)- ठंड में पहाडवासियों के हलक सूखने को मजबूर है, पेयजल की किल्त के चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है जो पेयजल योजना बनायी गयी, वो बढती आबादी के चलते प्यास बुझाने में सक्षम नहीं है, लिहाजा लोग स्रोतों के पानी पर निर्भर है।
हम बात कर रहे हैं बेरीनाग नगर के लोगों की, जहां पेयजल समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। शीतकाल में भी यहां के लोगों को पानी नसीब नहीं हो रहा है। लोग प्राकृतिक जल स्रोतों से अपनी प्यास बूझा रहे हैं, बारिश नहीं होने से स्रोतों में घट रहे पानी ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। बेरीनाग नगर के लिए गोरघटिया पेयजल स्रोत से दो दशक पूर्व पेयजल योजना बनाई गई थी जो अब बढ़ती आबादी की प्यास बुझाने में सक्षम नहीं रह गई है। नगर की आबादी बढ़ने और योजना में आए दिन समस्याएं पैदा होने के साथ ही स्रोत में पानी की कमी भी पेयजल संकट का बड़ा कारण है।
पर्यटन नगरी में पेयजल संकट को देखते हुए पिछली सरकार ने 13 करोड़ की लागत से नई पेयजल योजना निर्माण की स्वीकृति दी थी, नौ करोड़ रुपये जारी भी किए गए, जिससे योजना का लगभग सत्तर प्रतिशत काम करा लिया गया है, लेकिन चार करोड़ की दूसरी किश्त अब तक शासन से नहीं मिल पाई है, जिसके चलते योजना का काम पिछले पांच माह से अटका हुआ है। पेयजल की किल्लत के चलते लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
                



















































