भागलपुर, चीन में फैले कोरोना वायरस का असर अब भागलपुर के सिल्क बाजार पर पड़ने लगा है। कोरोना वायरस के कारण चीन से सिल्क धागे की आपूर्ति नहीं होने के कारण थोक कारोबारियों ने चीन निर्मित चाइनीज धागे की कीमत बढ़ा दी है जिससे सिल्क धागे की आपूर्ति में बीस फीसदी से अधिक की कमी आ गयी है। इस कारण भागलपुर का सिल्क कारोबार भी प्रभावित हो गया है।
दरअसल भागलपुर में पावरलूम की संख्या अधिक होने के कारण यहां चाइनीज धागों की मांग अधिक है। चाइनीज धागा पतला होने के साथ अधिक लचीला होता है। देसी तसर हस्तकरघा पर चलता है और इसमें पहले कोकुन से धागा निकाला जाता है। धागा निकालने में भी व्यापारियों को अधिक राशि खर्च करनी पड़ती है। जबकि चाइनीज धागे बना बनाया मिल जाता है। इसमें कारोबारियों को मजदूरी भी बच जाती है। यही कारण है कि सिल्क कपड़ों के निर्माण में साठ फिसदी तक चाइनीज धागों का इस्तेमाल होता है। धागों के आवक में कमी और ऊँचे कीमतों पर मिलने के कारण सिल्क कपड़ों की कीमत में उछाल के साथ-साथ कारोबार में भी गिरावट आनी शुरू हो गई है।
भागलपुर निर्मित सिल्क की न केवल भारत में बल्कि विदेशी मुल्कों में भी काफी मांग है। फलस्वरूप भागलपुर की पहचान सिल्क सिटी के रूप में है लेकिन भागलपुर के सिल्क को अंतर्राष्ट्रीय फलक पर पहचान दिलाने में चीन का अहम योगदान है। चीन से बड़े पैमाने पर सिल्क धागे की आपूर्ति भागलपुर के सिल्क कारोबार में होती है लेकिन कोरोना वायरस के कारण इन दिनों चीन से आपूर्ति किये जाने वाले सिल्क धागे की आपूर्ति पूरी तरह ठप्प है। चीन से माल नहीं आने के कारण महानगरों में बैठे स्टॉकिस्ट ने चाइनीज धागे की कीमत बढ़ा दी है और भागलपुर में धागे की कीमत में डेढ से दो हजार रुपये प्रति किलो का उछाल आया है। फलस्वरूप सिल्क के उत्पादन से लेकर मजदूरों के हाथों को मिलने वाले कामों में कमी आ गयी है।
सिल्क का कारोबार करने वाले जियाउर्रहमान ने बताया कि भागलपुर के सिल्क वस्त्र निर्माण में साठ फीसदी चीन से आयतित धागे का उपयोग होता है जबकि चालीस फीसदी देशी तसर सिल्क का उपयोग होता है। मुख्य रूप से सिल्क कपड़े के निर्माण में भागलपुर में पावरलूम का उपयोग होता है और चाइनीज धागे पतला होने के साथ अधिक लचीला होने के कारण आसानी से उपयोग होता है। कारोबारी हसनैन अंसारी ने चीन से यान और थ्रेड के कमी का असर कारोबार पर पड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि चीन के धागों का स्टॉक करने वाले कारोबारियों ने दाम में काफी इजाफा कर दिया है। विदेशों से मिले ऑर्डर को पूरा करने के लिए ऊंची कीमतों पर धागा लेकर माल को तैयार किया जा रहा है। बुनकर मो. बाबर अंसारी ने कोरोना वायरस के कारण काम में कमी आने की बात कही। भागलपुर का सिल्क बाजार साठ फीसदी चाइनीज धागों पर तो चालीस फीसदी देशी तसर पर निर्भर है। ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर चीन से सामानों के साथ सिल्क थ्रेड के आयात पर लगी रोक के कारण भागलपुर का सिल्क कारोबार सिसकने को मजबूर है।


















































