चारधाम यात्रा मार्ग पर पौराणिक, ऐतिहासिक, पर्यटक स्थलों की जानकारी देने को बोर्ड नहीं

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विकासनगर/पछवादून। जौनसार-बावर परगने से होकर गुजरने वाले दिल्ली यमुनोत्री चार धाम यात्रा मार्ग पर पौराणिक, ऐतिहासिक व पर्यटक स्थलों की जानकारी देने को कोई बोर्ड नहीं लगाए गए हैं। चारधाम यात्रा पर आने वाले लोग यहां के प्रमुख स्थलों को देखने से वंचित रह जाते हैं। साथ ही यहां के धार्मिक, ऐतिहासिक पर्यटन स्थल यात्रा सीजन पर अक्सर सूने पड़े रहने के चलते स्थानीय युवाओं को न रोजगार मिल पा रहा है और न ही व्यापार को बढ़ावा मिल पाता। ये अलग बात है कि भाजपा सरकार के गठन के बाद से ही जौनसार-बावर परगने के कुछ पर्यटक स्थलों को महाभारतकालीन सर्किट से जोड़ने की बात बड़े जोर शोर से की जा रही है, लेकिन यात्रा सीजन शुरु होने के बावजूद पर्यटकों तक स्थानीय पर्यटन स्थलों की जानकारी मुहैया कराने के लिए कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं।
चार धाम यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले दोनों ही परगनों में दर्जनों पौराणिक, धार्मिक व ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों के साथ ही प्राकृतिक पर्यटक स्थल भी मौजूद हैं। चार धाम यात्रा शुरु होने के बावजूद प्रशासन द्वारा यात्रियों को इन पर्यटन स्थलों की जानकारी मुहैया कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। प्रशासन ने न तो पर्यटक स्थलों की जानकारी मुहैया कराने के लिए यात्रा मार्ग पर कोई बोर्ड लगाया है और न ही पर्यटन विभाग या प्रशासन की ओर इन स्थलों की जानकारी देने के लिए स्टॉल लगाए हैं। प्रशासन की उदासीनता के चलते हर यात्रा सीजन पर सभी पर्यटक स्थल सूने पड़े रहते हैं। लिहाजा पर्यटन को बढ़ावा देना तो दूर की बात स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मुहैया नहीं हो रहा है। जाहिर है सरकार के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के दावे हवाई साबित हो रहे हैं, जिसका खामियाजा स्थानीय जनता को भुगतने के साथ ही पर्यटन स्थलों के उजाड़ होने की आशंका भी बनी हुई है।
पछवादून के प्रमुख पर्यटक स्थल: गंगभेवा बावड़ी- यात्रा के प्रमुख पड़ाव विकासनगर से दूरी 1 किमी, राजा शीलवर्मन का अश्वमेध यज्ञ वेदिका- विकासनगर से दो किमी आगे यात्रामार्ग पर पड़ने वाले कस्बे बाड़वाला से आधा किमी दूर, सहस्रधारा- विकासनगर से दूरी 3 किमी (धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अज्ञातवास के दौरान पांडव लाक्षागृह से बाहर इसी गुफा से निकले थे), खाराखेत- (आजादी की जंग के दौरान नमक सत्याग्रह के लिए विख्यात) विकासनगर से दूरी तीस किमी, आसन वेटलैंड-विकासनगर से दूरी 8 किमी, डाकपत्थर बैराज-विकासनगर से दूरी तीन किमी।
जौनसार-बावर के पर्यटक स्थल: अशोक शिलालेख कालसी- विकासनगर से दूरी 12 किमी, पौराणिक नगरी लाखामंडल (धार्मिक मान्यता के अनुसार अज्ञातवास के दौरान पांडवों को यहीं लाक्षागृह में भस्म करने का षडयंत्र रचा गया, इसके साथ ही यहां सैकड़ों शिव लिंग मौजूद हैं) विकासनगर से दूरी 70 किमी, विराटखाई- धार्मिक मान्यता के अनुसार महाभारतकालीन राजा विराट की नगरी- विकासनगर से दूरी 35 किमी, थैना महासू मंदिर- जौनसारी स्थापत्य कला का नायाब नमूना, शीशमहल- यहां कई हिंदी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है, देववन, खडंबा, मुंडोली, टाइगर फॉल- प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज।

‘चार धाम यात्रा मार्ग पर स्थानीय पर्यटक स्थलों की जानकारी मुहैया कराने के लिए संस्कृति विभाग को होर्डिंग लगाने व स्टाल लगाकर पर्यटक स्थलों की जानकारी मुहैया कराने वाला साहित्य यात्रियों को मुहैया कराने के लिए निर्देशित किया जाएगा।’ जितेंद्र कुमार, एसडीएम विकासनगर।