अल्मोड़ा के गांव में पेड़ काटने वाले को 5 लाख जुर्माने के साथ लगाने पड़ेगें 270 पेड़

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एनजीटी के नए आदेश के मद्देनज़र अल्मोड़ा जिले के एक गांव चौकुनी में पेड़ काटने वाले हर मामले पर पांच लाख का जुर्माना लगाया है।जुर्माना देने के साथ ही संबधित भूमि पर आरोपी को 270 तरह के प्रजाति के पौधे लगाने के आदेश दिये हैं।एनजीटी ने एक बात साफ कह दी है कि पर्यावरण संरक्षण में पेड़ों की भूमिका सबसे अहम है और ऐसे में अगर कोइ अपनी निजी भूमि पर भी पेड़ काटने का अपराध करेगा तो उसे यह दंड भुगतना पड़ेगा।

आपको बता दैं कि गांव चौकुनी में रहने वाले विजय शील उपाध्याय और वंदना उपाध्याय के खिलाफ की गई थी जो निजी जमीन की आड़ में वन भूमि के पेड़ों को भी एक एक करके काट रहे थे।जबकि गांव वालों का कहना है जिस जमीन के पेड़ काटे गए हैं वह जमीन आज से 35 साल पहले वन विभाग को दे दी गई थी।इस केस के जवाब में न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार ने आरोपी विजय और वंदना पर 27 पेड़ों को काटने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।एनजीटी ने साफ कर दिया है कि यह जुर्माना सीधे वन विभाग के खाते में जाएगा जिससे फारेस्ट डिर्पाटमेंट एर बार उस जमीन पर वनीकरण करेगा।इसके साथ ही आरोपियों को एनजीटी ने आदेश दिया है कि 270 तरह के पौधे भी उस जमीन पर लगाए जाऐंगे जो विजय और वंदना लेकर आऐंगे और इन पौधों का चुनाव एनजीटी करेगा।

एनजीटी का यह फैसला अभी अल्मोड़ा जिला के लिए है लेकिन अगर यह फैसला पूरे प्रदेश के लिए हो जाए तो आए दिन पेड़ काटने वालों पर लगाम लग जाएगा। अल्मोड़ क्षेत्र आपदा के लिहाज से बहुत संवेदनशील है जिसको रोकथाम की बागडोर सरकार के हाथ में है।एनजीटी के इस फैसले से कहीं ना कहीं पैड़ों की कटौती पर रोक लगेगी।