अपनी मौत की खबर अखबार में पढ़ी, और पहुँचा थाने

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ऊधमसिंहनगर जिले के किच्छा कोतवाली में उस वक्त हड़ककम्प मच गया जब एक साधू अपनी मौत की खबर सुनकर परेशान हो गया। उसके हाथ में कुछ अखबार भी थे, 31 जनवरी की देर रात किच्छा कोतवाली क्षेत्र के कलकत्ता फार्म में एक मंदिर के पास बनी झोपडी में आग लग गयी थी। आग लगने से एक सख्स जिंदा जल गया था। मामले में पुलिस ने साधू के नाम का पंचनामा भर पोस्टमार्डम भी करा दिया। लेकिन साधू के जिंदा होने पर कोतवाली में हड़कंप मच गया। अब पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि आखिर झौपड़ी में मरने वाला सख्स कौन था।

किच्छा कोतवाली क्षेत्र के पिपलिया चौराहे पर मंदिर के पास एक झौपड़ी में 31 जनवरी की रात को आग लग गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की जल कर मौत हो गई थी। पुलिस ने आसपास पूछताछ की तो लोगों ने बताया कि यहां साधु उमाशंकर रहता था। पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम भी उमाशंकर के नाम से करा दिया। उमाशंकर की मौत की खबरें भी अखबारों में छप गई। आज सुबह जब बाबा उमाशंकर ने अपनी मौत की खबर अखबारों में पढ़ी तो उमाशंकर के पैरों तले जमीन खिसक गई। वह अखबार को लेकर कोतवाली पहुंच गया ओर अपनी मौत की खबर को झूठा बता दिया, बाबा का कहना है कि, “वो अपना आधार कार्ड बनवाने के सिलसिले में बाहर गये थे। 31 जनवरी की रात हुए अग्निकांड में कौन सख्स जिंदा जला है वह नही जानते लेकिन अखबारों में जिस साधू के जल कर मौत की खबर लगी है वह मैं हूं । उसे मृत कैसे दर्शा दिया गया।”

अब सवाल यह उठता है कि यदि उमाशंकर जिंदा है तो झौपड़ी में आग लगने से मरने वाला कौन था? पुलिस के लिए यह पता लगाना किसी चुनौती से कम नहीं है।

वही एएसपी देवेंद्र पींचा ने बताया कि, “मृतक के डीएनए से उसकी पहचान कराने की कोशिश की जाएगी साथ ही मामले की जांच भी शुरू कर दी है।”