अब आईआईपी देहरादून और एम्स ऋषिकेश की लैब में भी होगी कोरोना संक्रमण की जांच

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अभी तक सिर्फ हल्द्वानी के मेडिकल कालेज में ही थी जांच की सुविधा
उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। इसके अन्तर्गत कोविड 19 संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए दो अतिरिक्त लैब निर्धारित कर दी गयी हैं। अब मेडिकल कालेज हल्द्वानी के अलावा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (आईआईपी) देहरादून और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में भी कोविड 19 संक्रमण की भी जांच हो पायेगी। अभी तक सिर्फ हल्द्वानी के मेडिकल कालेज की लैब में यह सुविधा होने से जांच रिपोर्ट आने में  कई-कई दिन लग जाते थे लेकिन अब सरकार के इस फैसले से आसानी होगी।
सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि मेडिकल कालेज हल्द्वानी, देहरादून एवं श्रीनगर में केवल कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का उपचार होगा तथा इन मेडिकल कालेजों के शेष विभाग अन्य चिकित्सालयों मे शिफ्ट करा दिये जायेंगे। संक्रमण के प्रसार की आशंका को देखते हुए तीनों मेडिकल कालेज के विभागाध्यक्षों को आगामी 3 माह के लिए चिकित्सकों के रिक्त पदों के सापेक्ष भर्ती किये जाने के अधिकार दे दिये गये हैं। इसी प्रकार तीन माह के लिए जिला अधिकारी भी चिकित्सकों को अपने स्तर से भर्ती कर पायेंगे। ज्ञातव्य है कि विभाग के अन्तर्गत अस्थायी पदों के सापेक्ष 314 पदों पर चयन के लिए वर्तमान में उत्तराखण्ड मेडिकल चयन बोर्ड द्वारा साक्षात्कार लिये जा रहे हैं। अब कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए 562 अतिरिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकालने की आवश्यकता नहीं होगी। जिला अधिकारी व मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य स्वयं 3 माह के लिए चिकित्सकों को नियुक्त कर सकेंगे।
कोविड 19 से बचाव के लिए लागू किये गये लॅाक डाउन के उपरान्त आम जनमानस को राहत के लिए सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये, जिसके अन्तर्गत सन्निर्माण श्रमिकों या व्यक्तियों को खाद्यान्न एवं आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता हेतु मैदानी जनपदों के लिए तीन-तीन करोड़ तथा पर्वतीय जनपदों के लिए दो-दो करोड़ की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत कर जिला अधिकारियों को उपलब्ध करायी जायेगी ताकि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों या व्यक्तियों को लॅाक डाउन की अवधि में मूलभूत खाद्य सामग्री उपलब्घ करायी जा सके। इसी बीच लॅाक डाउन अवधि में कोविड 19 से जिलों की सुरक्षा के सम्बन्ध में भी सचिव (चिकित्सा स्वास्थ्य) नितेष कुमार झा द्वारा संक्रमित व्यक्तियों को चिह्नित करने के निर्देश समस्त जिला अधिकारियों को दिये गये हैं। राजकीय मेडिकल कालेज की ओपीडी एवं आईपीडी सेवाओं को सीमित करते हुए अग्रिम आदेशों तक ओपीडी सेवाओं को स्थगित कर दिया गया है।
सचिव (चिकित्सा शिक्षा) द्वारा कोविड 19 संक्रमण खतरे से निपटने हेतु दून मेडिकल कालेज मे संचालित होने वाली मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को अब गांधी शताब्दी चिकित्सालय मे संचालित करने के निर्देश दिये हैं जबकि दून मेडिकल कालेज मे केवल फ्लू तथा कोविड 19 की ओपीडी कार्य करेगी। नियमित ओपीडी एवं आपातकालीन सेवाएं कोरोनेशन चिकित्सालय मे संचालित होगीं। आवश्यकता पड़ने पर उपचार के दौरान दून मेडिकल कालेज के सम्बन्धित विभागों से समन्वय किया जाएगा। जिला अधिकारी देहरादून चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाफ के प्रवास हेतु दून चिकित्सालय के आस-पास दो होटल, अधिग्रहित करेंगे ताकि कोविड 19 के मरीजों के उपचार मे तैनात चिकित्सकों की 24×7 सेवाएं प्राप्त की जा सकें। इस क्रम में देहरादून के जिला अधिकारी एक अन्य होटल को भी चिह्नित करेंगे, जिसमें कोविड 19 के संदिग्ध मरीजों को आइसोलेशन मे रखा जा सके। चिह्नित किये गये होटल के स्टाफ को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा और होटल को ‘पेड आइसोलेशन वार्ड’ तक की तरह विकसित किया जायेगा। जांच उपरान्त पाजिटिव पाये मरीजों को दून चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड मे रखा जायेगा।
कोविड 19 की आज की स्थिति के बारे मे राज्य नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार 31 सैम्पल आज जांच हेतु भेजे गये है तथा पूर्व से भेजे गये 22 सैम्पल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। इसके अनुसार 22 सैम्पल निगेटिव पाये गये हैं। राज्य में कोविड 19 के संदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों को रखने के लिए 48 क्वारंटाइन फैसिलिटी तैयार कर ली गई है, जिसमें 1384 लोगों को रखा जा सकता है। राज्य मे आज के दिन 1284 लोगों को होम क्वारंटाइन मे रखा गया है जबकि 10 व्यक्तियों को फैसिलिटी क्वारंटाइन मे रखा गया है।