सिलक्यारा टनल के ऊपर ड्रिल कर और एक्स्ट्रा टनल से फंसे श्रमिकों को बाहर निकाला जाएगा

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अमेरिका की हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन से श्रमिकों का बाहर निकालने का रास्ता फेल होने से अब बीते सात दिनों से सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों का जीवन संकट में पड़ा हुआ है। हालांकि शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल उत्तरकाशी के सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल स्थल पर पहुंचे और वहां निरीक्षण किया। उन्होंने पांच प्लानों से सुरंग में फंसे 41 मज़दूरों को बाहर निकालने के लिए बात कही है।

पीएमओ के उप सचिव घिल्डियाल ने मीडिया को बताया कि सरकार हरसंभव तरीकों से सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल में फंसे 41 श्रमिकों को जल्द बाहर निकालने की कोशिश में है। उन्होंने बताया कि सरकार हर वैकल्पिक तरीकों पर कार्य कर रही है और दुनिया भर के एक्सपर्टों से भी राय मांगी जा रही है।

पीएमओ के उपसचिव घिल्डियाल ने बताया कि श्रमिकों को जल्द बाहर निकालने के लिए पाेल गांव की तरफ से कार्य युद्ध स्तर पर प्रारंभ कर दिया गया है और सुरंग के ऊपर से ड्रिल करके भी तत्काल कार्य शुरू किया जा रहा है जबकि दूसरी ओर एक शॉर्टकट टनल भी तैयार की जा रही है, जिससे जल्द से जल्द श्रमिकों को बचाया जा सके।

टनल के ऊपर किसी नजदीकी स्थान पर ड्रिल करके सुरंग के अंदर जाने का रास्ता तैयार करने की एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलको ने भी पुष्टि की है।

इससे पूर्व आज सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल के निरीक्षण को पहुंचे प्रधानमंत्री कार्यालय के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल और पीएम के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने टनल का निर्माण कर रही नेशनल हाइवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) निदेशक अंशु मनीष खलको और नवयुगा इंजीनियरिंग कंपनी लि., जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी,अपर जिलाधिकारी तीरथ पाल सिंह, उपजिलाधिकारी बृजेश तिवारी सहित अन्य अधिकारियों और एक्सपर्टों से बैठकें कर लंबी चर्चा की। इसके बाद वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि टनल में फंसे श्रमिकों को सभी तय प्लानों पर कार्य करके सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाला जाए।

गौरतलब है कि अमेरिका की हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन के कार्य करने के बाद से टनल के अंदर भारी भूस्खलन की स्थिति पैदा हो गई है, जिससे वहां रेस्क्यू कार्य कर रहे लोगों और सुरंग में फंसे मजदूरों को खतरा पैदा हो गया था।

नये प्लान पर कार्य प्रारंभ करने के तहत जहां टनल के ऊपर से होल बनाकर वहां से मजदूरों को निकलने की योजना है वहीं शॉर्टकट एक्स्ट्रा टनल जो लगभग 100 मीटर है, इसमें लंबा वक्त लग सकता है। इससे श्रमिकों का जीवन और भी संकट में पड़ सकता है। हालांकि एनएचआईडीसीएल कंपनी एवं जिला प्रशासन का दावा है कि सभी श्रमिक सुरक्षित है, उनको पाइप के थ्रू ऑक्सीजन और भोजन प्राप्त मात्रा में सप्लाई हो रही है।