कोरोना संकट के बीच कपाट खुलने से अब तक 20973 श्रद्धालुओं ने चारों धामों के किये दर्शन

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बदरीनाथ
Badrinath
कोरोना संकट और बदहाल सड़कों के बावजूद इस साल अब तक 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन किए। बारिश और भूस्खलन का डर भी श्रद्धालुओं की आस्था को नहीं ठिगा पाई।
देवभूमि उत्तराखंड के चारों धामों की यात्रा खोलने के सरकार के निर्णय के बाद विपरीत परिस्थितियों व कोविड-19 के बावजूद कपाट खुलने से लेकर अब तक 20हजार 973 श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन किये हैं। हालांकि यह संख्या अन्य वर्षों की अपेक्षा नगण्य ही है। विश्व व्यापी कोरोना संकट के बीच श्रद्धालुओं को उनकी आस्था चारों धामों तक ले आई। कोरोना के सख्त नियमों के कारण श्रद्धालु ठीक से अपने इष्टदेवों के दर्शन भी नहीं कर सके लेकिन विभिन्न प्रदेशों से आए श्रद्धालुओं ने अपने को धाम तक पहुंचने को सौभाग्य मानते हुए अपनी यात्राएं पूरी की।
कोरोना काल में नवगठित देवस्थानम बोर्ड द्वारा संचालित चार धामों के कपाट खुलने के बाद से अब तक श्रीबदरीनाथ धाम में 25 अगस्त तक 10 हजार 366 श्रद्धालुओं ने भगवान श्री हरिनारायण के दर्शन किये। जबकि 6 हजार 323 श्रद्धालुओं ने भगवान केदारनाथ के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित किया। इसी प्रकार कपाट खुलने के बाद अब तक गंगोत्री में 3 हजार 781 और यमुनोत्री में 503 श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया।
कोरोना महामारी के बीच पंच केदारों के दर्शनों के लिए श्रद्धालु पहुंचे लेकिन इन उच्च हिमालयी तीर्थों तक पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं को जलाभिषेक का अवसर नहीं मिल सका। कल्पेश्वर व रुद्रनाथ को छोड़कर अन्य केदारों में तो जलाभिषेक तो दूर ठीक से दर्शन भी नहीं कर सके।
चार धाम यात्रा के लिये इस साल बदहाल सड़कों की बजह से श्रद्धालुओं को परेशािनयों का सामना करना पड़ा। पितृपक्ष में भी बड़ी संख्या में विभिन्न प्रदेशों के श्रद्धालु धामाें पर पहुंचेंगे। सुुुदूर से आने वाले श्रद्धालुओं को ठीक से दर्शन कराने की व्यवस्था करने के लिये देवस्थानम बोर्ड को प्रयास करना चाहिए।