उत्तरकाशी में छह हजार रुद्राक्ष के पेड़ों से महक उठेगा पर्यावरण

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परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के स्वामी चिदानंद मुनि के सहयोग से उत्तरकाशी में लगाए जा रहे 6000 हजार रुद्राक्ष के पेड़ों से पर्यावरण महक उठेगा। परमार्थ निकेतन के सहयोग से उत्तरकाशी के विभिन्न संस्थानों में रुद्राक्ष के पौधों का रोपण किया जा रहा है।

बुधवार को उत्तराखंड गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजक लोकेंद्र सिंह बिष्ट व आइटीबीपी के आरजू डेंट कमांडेंट रवि कुमार, भारद्वाज स्वामी चेतन महाराज, स्वामी देव आत्मानंद के नेतृत्व में आइटीबीपी 35वीं वाहिनी महीडांडा के कैंप परिसर में रुद्राक्ष के पौधे का रोपण किया। साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया और लगाए गए पौधों की रक्षा की शपथ ली गई।

आइटीबीपी 35वीं वाहिनी महिडांडा के कैंप परिसर में हुए कार्यक्रम में उत्तराखंड गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजक लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि परमार्थ निकेतन की ओर से पूरे प्रदेश में 75 हजार रुद्राक्ष के पौधे वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तरकाशी की विभिन्न संस्थाओं की ओर से नौ हजार पौधों की डिमांड रखी गई थी, जिसके क्रम में परमार्थ निकेतन की ओर से 2700 पौध उपलब्ध करा दी गई है। जिसमें से एनआईएम को 600, आईटीबीबी महिडांडा को 600, बीआरओ 210, उत्तराखंड जल विद्युत निगम 600, पुलिस लाइन ज्ञानसू को 150 को रुद्राक्ष के पौधे वितरित कर दिए हैं।

बिष्ट ने कहा कि रुद्राक्ष का अलग धार्मिक और आर्थिक महत्व है। कहा कि जल्द ही उत्तरकाशी में रुद्राक्ष के पेड़ों से पर्यावरण महक उठेगा। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के स्वामी चिदानंद मुनि की ओर से उत्तरकाशी जिले के लिए 6 हजार रुद्राक्ष की पौध उपलब्ध कराई गई है।