फाइनेंस कंपनी का मैनेजर ही निकला गेम मेकर

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जसपुर,में बाल विकास परियोजना के खाते से 20.50 लाख रूपये निकालने के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया है। पुलिस बैंक कर्मियों की मिली भगत एवं गिरोह की जांच कर रही है। मुख्य आरोपी काशीपुर की एक फाइनेंस कंपनी में शाखा प्रबंधक है।

सोमवार को कोतवाली प्रभारी कमलेश भट्ट में बताया कि मोहल्ला गुजरातियान में रहने वाले रीतूराज शर्मा काशीपुर की एक फाइनेंस कंपनी में शाखा प्रबंधक हैं। अपना खाता उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा की स्थानीय शाखा तथा पत्नी का खाता ग्राम गढ़ीनेगी की शाखा में खुलवा रखा है। इससे उसने बैंक कर्मियों से अच्छे संबंध बनाकर सीडीपीओ कार्यालय के खाते का नंबर, उसमें जमा राशि एवं किस सीरियल नंबर की चेक बुक जारी हुई है कि जानकारी प्राप्त कर ली। फिर अपने गिरोह के सदस्यों से फर्जी चेक बनवाकर उत्तर प्रदेश जिला रामपुर थाना स्वार कस्बा मिलक निवासी फराज खान पुत्र मुसर्रत को दे दिया। फराज खान ने इस चेक में 20.50 लाख रुपये भरकर फर्जी संस्था कान्हा इंटर प्राइजेज के खाते में लगाकर मुरादाबाद की बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा से निकाल लिए। फराज खान को पुलिस पहले ही मुरादाबाद जेल से रिमाड पर लेकर पूछताछ कर जेल भेज चुकी है।

पुलिस के मुताबिक रीतूराज शर्मा ही मुख्य आरोपी हैं। उसने ही अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर रूपये निकालने का जाल बुना था। जांच अधिकारी एनसी जुर्रार ने बताया कि अवनीश कुमार, के नाम से कान्हा इंटर प्राइजेज फर्म का बैंक ऑफ बड़ौदा मुरादाबाद की शाखा में खाता था। फर्म स्वामी तलाश में पता चला कि इस पते पर इस नाम का कोई भी व्यक्ति नही रहता। तब उन्होने खाते में लगे फोटो वाले व्यक्ति की तलाश की। जो उत्तर प्रदेश जिला रामपुर थाना, स्वार कस्बा, मिलक निवासी फराज खान पुत्र मुसर्रत निकला। जिससे पूछताछ में पता चला कि जसपुर निवासी रीतूराज ने उसे चेक दिया था। पांच बार में यह पैसे उसने उसके तथा उसकी पत्नी के खाते में डलवाए।