पर्यावरण संरक्षण के लिए शहर के ग्रुप “मैड” की पहल; हरित वोट बैंक का एलान

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राज्य में लोगों को जागरुक करने के लिए शिक्षित छात्रों के संगठन मैड (मेकिंग ए डिफ्रेंस बाई बिंग ए डिफ्रेंस) ने पार्यावरण संरक्षण को आगामी चुनावों में मुद्दा बनाने के लिए देहरादून शहर को हरित वोट बैंक बनाने का एलान किया। मैड के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जो हिमालय की तलहटी से लेकर पहाड़ों के शिखर तक पहुंचा हुआ है और उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को 1989 से ही पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील घोषित कर दिया गया था। बावजूद इसके दून घाटी में पर्यावरण संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए और आज विकास के नाम पर अंधा-धुंध निर्माण करवाएं जा रहें। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं अवैध कब्जों की मार से अब देहरादून अपने मूल अस्तित्व से ही भटक चुका है।मैड ग्रुप ने कहा कि आज के समय में शहर में भू-माफिया,अतिक्रमण करने वाले और खनन करने वालों की संख्या बढ़ चुकी है और अब जरुरी हो गया है कि हमारे यानि की मैड ग्रुप की मदद से एक हरित वोट बैंक का निर्माण हो।

इस पहल में मैड ग्रुप के सदस्य देहरादून शहर में फैलकर जितने ज्यादा लोग तक पहुंच पाऐंगें उनके पास जाऐंगें और आग्रह करेंगे कि विधानसभा चुनाव में लोग अपना वोट उसी उम्मीद्वार या पार्टी को दें जिसने असल में पर्यावरण संरक्षण एवम्‌ संतुलित विकास के लिए काम करने के लिए अपने इरादे लोगों तक पहुँचाए हो या उसका रास्ता बताया हो। मैड दून वासियों से यह अपील करेगा कि इस चुनाव में वह यह ना देखें कि उनकी पसंद का उम्मीदवार या पार्टी कौन है, या कोई भी पार्टी किस विचारधारा कि है या उनका झुकाव किस तरफ है। उन्होंनें कहा कि इस बार के चुनाव में वह पर्यावरण को मुख्य मुद्दा माने और उसी को ध्यान में रखते हुए अपना वोट किसे देना है इसका फैसला करें और जो भी लोग ऐसी शपथ लेंगे उन्हें मैड हरित वोट बैंक में शामिल कर लेगा।

ऐसे लोगो का काम असान करने हेतु मैड ने यह भी साफ किया कि वह सिर्फ लोगों तक ही नही बल्कि हरित वोट बैंक कि आवाज उम्मीदवारों तक भी पहुचाने का काम करेगा। वह उम्मीदवारों के सामने तीन मुख्य बातें रखेगाः

  • रिस्पना और बिंदाल नदियों के पुनर्जीवन हेतु राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रुड़की द्वारा बनाइ गयी रिपोर्ट को लागु करने के पक्षधर हैं।
  • इस बात कि गारंटी देते हैं कि अपने प्रचार में वह पुरे शहर कि दीवारों पर अपने पोस्टर इत्यादि नही लगायेंगे।
  • पर्यावरण संरक्षण एवम्‌ संतुलित विकास कि दॄष्टि से वह देहरादून को कैसे देखते है वह इसकी अपनी परिभाषा स्पष्ट करें। उम्मीदवारों द्वारा दिये गये तीनों सवालों के जवाबों को वह अपने हरित वोट बैंको तक पहुँचाते रहेगें ताकि अंतिम निर्णय दून कि जनता खुद ले।

मैड ग्रुप कि हमेशा से यह कोशिश रही है कि वह चुप-चाप बैठी जनता को पर्यावरण संरक्षण हेतु जागरूक करें क्योंकि केवल चाय कि चुस्किया लेते समय अखबार पलटने से पर्यावरण संरक्षण के विषय पर चिंतित होने से कुछ नही होगा क्यांकि आज हर कोई अपनी अपनी जिंदगी में इतना मशगूल है कि पर्यावरण के लिए सोचने वालों को कमी हो गई है।मैड ग्रुप का यह मानना है कि अगर पर्यावरण संरक्षण को लोगों के वोट से जोड़ा जाएगा तो शायद हर किसी तक इस मुहिम की आवाज पहुंचेगी और सिर्फ देहरादून ही नहीं दूसरे राज्यों में भी हर कोई इस बिंदु को अपने चुनावी एजेंडा में रखेगा। अपने हरित वोट बैंक के प्रयास को सफल बनाने के लिए मैड ने कहा है कि वे कोशिश करेंगे कि सभी गैर सरकारी संस्थाओं, नागरिकों को जोड़ा जा सके ताकि पर्यावरण संरक्षण घर घर तक पहुंच पाएँ। मैड कि ओर से मुख्य वक्ता थे संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अभिजय नेगी, समन्वयक स्वाति सिंह और सदस्य करन कपूर इसके अलावा ग्रुप की सदस्य पल्ल्वी भाटिया, आदर्श त्रिपाठी, शरद महेश्वरी इत्यादि भी मौजूद रहे।