10 सितंबर को बेनकाब होंगे अखाड़ा परिषद के फर्जी संत

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आसाराम, नारायण सांई और हाल में ही बलात्कार के आरोप में जेल भेजे गए राम रहीम के बाद समाज में हो रही संतों की किरकिरी को रोकने व फर्जी संतों से समाज को अवगत कराने के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद गंभीर दिखाई दे रहा है। परिषद ने देशभर में फैले फर्जी संतों की सूची तैयार कर ली है। यह सूची 10 सितम्बर को होने वाली अखाड़ा परिषद की बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी को सौंप दी जाएगी।
देशभर में फैले अखाड़ों से जुड़े संतों को ऐसे फर्जी संतों की सूची बनाने के लिए कहा गया था, जो स्वयंभू हैं और जिनका किसी भी मठ या अखाड़े से संबंध नहीं है। खासकर इस लिस्ट में आसाराम व राम-रहीम जैसे संतों की भरमार है। बताया जाता है कि सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है, किन्तु उसका अभी खुलासा नहीं किया गया है। इस लिस्ट में जूना अखाड़े की महामण्डलेश्वर राधे मां भी शामिल हैं, जिन्हें जूना अखाड़े ने रातोंरात महामण्डलेश्वर बना दिया था। विवाद सामने आने पर जांच कमेटी बनाई गई थी।
वहीं, इलाहाबाद में बार चालने वाले सचिन दत्ता ऊर्फ सचिदानन्द को भी मण्डलेश्वर बनाया गया था। समाज में संतों की फजीहत होने के बाद सचिन दत्ता का निष्कासन कर दिया गया था। इन सब विवादों के बाद अपनी फजीहत को बचाने के लिए अखाड़ा परिषद सक्रिय हो गया है, लेकिन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्रगिरि महाराज ने फर्जी संतों की सूची को अभी सार्वजनिक करने से इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि यदि फर्जी संत राम रहीम व आसाराम जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं, तो अखाड़ा परिषद की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा है कि सूची इस आशय से जारी की जाएगी कि यदि फर्जी संत कोई भी गैरकानूनी कार्य करते हैं तो उनकी जिम्मेदारी सरकारों की होगी। साथ ही कुंभ व अर्द्धकुंभ जैसे पर्वों पर भी फर्जी संतों व फर्जी शंकराचार्यों को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।