कुंभ में कोरोना जांच, बड़े-बड़ों पर आंच

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    कुंभ
    कुंभ में कोरोना जांच में हुए फर्जीवाड़े में ‘बड़े-बड़ों’ पर आंच आनी तय है। इस फर्जीवाड़ा से सरकार और प्रशासन की साख दांव पर लग गई है। एसआईटी के अलावा जिलाधिकारी सी रविशंकर द्वारा गठित टीम और स्वास्थ्य मेलाधिकारी द्वारा बनाई गई टीम दस्तावेज खंगाल रही हैं। तीनों टीमें लगातार मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है। एसआईटी को अपनी जांच 15 दिन के भीतर शासन को सौंपनी है।
    एसआईटी ने मंगलवार को फर्म के एक कर्मचारी से 4 घंटे लंबी पूछताछ की। एसआईटी ने कर्मचारी से घोटाले में शामिल लोगों के नाम भी पूछे। यह कर्मचारी कुंभ के दौरान मैक्स कॉरपोरेट सर्विस का हरिद्वार में काम देख रहा था।कर्मचारी ने कुंभ मेले के बाद कंपनी से त्यागपत्र दे दिया था। एसआईटी इससे पहले सीएमओ शंभूनाथ झा और स्वास्थ्य मेलाधिकारी अर्जुन सिंह सेंगर से भी पूछताछ कर बयान दर्ज कर चुकी है।
    हरिद्वार पहुंचे कर्मचारी से एसआईटी प्रभारी राकेश रावत, जांच अधिकारी राजेश साह और एसआईटी में शामिल राजेंद्र सिंह रावत
    ने कर्मचारी से अलग-अलग पूछताछ की। इससे पहले सोमवार को एसआईटी ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विस, हिसार की नलवा लैबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और सेंट्रल दिल्ली की डॉक्टर लाल चंदानी लैब के खिलाफ नोटिस जारी किया था।
    जिला अधिकारी सी रविशंकर के आदेश पर जांच कर रही टीम की पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आया।, पता चला है कि कोरोना जांच रिपोर्ट में जिन मोबाइल नंबरों को दर्ज किया गया है, उनमें ज्यादतर मोबाइल नंबर मौजूद ही नहीं हैं तो कुछ के नाम-पते गलत हैं। मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गहरवार की अगुवाई में गठित 3 सदस्यीय समिति यह जांच कर रही है। जांच में सामने आया है कि अब तक 10 हजार से अधिक ऐसे लोग सामने आ चुके हैं, जो कुंभ मेले के दौरान या उससे पहले या बाद में हरिद्वार आए ही नहीं। इनके मोबाइल फोन पर कोरोना जांच कराए जाने के संदेश पहुंचे हैं। इनमें से अधिकांश के पास कोरोना जांच निगेटिव होने का एसएमएस पहुंचा है।