उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण को ब्रिटेन से मिला सौम्या का साथ

अल्मोड़ा, साढ़े तीन साल के बच्चे की माँ, सौम्या पंत ने बेहतर भविष्य की तलाश में साल 2009 में ब्रिटेन को अपना घर बनाया। इस बात को लगभग एक दशक बीत गया है और इस साल ब्रिटेन में आयोजित मिसेज इंडिया प्रतियोगिता में सौम्या ने अपनी परंपराओं का प्रदर्शन बखूबी ढंग से किया।

सौम्या पंत, आईसीएआर अल्मोड़ा में प्रमुख वैज्ञानिक के पद से रिटार्यड डॉ सुबोध कुमार पंत की बेटी है। सौम्या का जन्म नैनीताल में हुआ था और उन्होंने अपनी शिक्षा केंद्रीय विद्यालय अल्मोड़ा से 9वीं कक्षा तक पूरी की। सौम्या की माँ के असामयिक मृत्यु की वजह से सौम्या को अलग-अलग शहरों में जाना पड़ा।

हमेशा कुछ अलग करने की तलाश में सौम्या ने समाज और पर्यावरण के लिए कुछ करने के अपने जूनुन को आगे बढ़ाने के अवसरों की तलाश की। उन्होंने मिसेज इंडिया यूके के मंच का इस्तेमाल अपने राज्य और घर वालों को पर्यावरण की रक्षा के लिए बढ़ावा देने और प्रेरित करने के लिए किया।

हमेशा ही प्रकृति के आसपास बड़े होने की वजह से, सौम्या के दिल में प्रकृति के लिए एक सहानुभूति थी और वह यह भी जानती थी कि किस तरह प्रकृति की रक्षा नहीं करने का मतलब हमारी आने वाली अगली पीढ़ी को इसकी कमी से जूझने के लिए छोड़ना होगा।

150 प्रतियोगियों में से सौम्या फाइनल के लिए तैयार हैं। नेशनल कॉस्ट्यूम राउंड के लिए सौम्या ने कुमाऊंनी कपड़ों को चुना। सौम्या कहती है कि “कुमाऊँनी होने के नाते, कुमाऊँ की सुंदरता का प्रदर्शन करना मेरे लिए एक वास्तविक खुशी थी।” कुमाउंनी परिधान के साथ पारंपरिक कुमाउँनी रंगवाली पिछौड़ा और उसक साथ कुमाउंनी पौछी और गालोबंद जैसे आभूषणों को पहन कर उन्होेनें एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहाड़ी जड़ों को जीवंत किया।

इतना ही नहीं उन्होंने कुमाऊं के लोगों और भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट के बहादुर सैनिकों के लिए अपना प्रदर्शन समर्पित किया। उन्होंने कहा, “कुमाऊं प्रकृति से भरा है, शक्तिशाली हिमालय शौर्य और आंतरिक शक्ति का प्रदर्शन करता है, फूल विविधता और समावेश का प्रदर्शन करते हैं और वहां के सुंदर पवित्र स्थान राज्य की आध्यात्मिकता को प्रदर्शित करते हैं। ”

यहां तक कि विदेशी में रहने के दौरान, सौम्या भारत में कई चैरिटी संस्थानों के साथ काम करती हैं, जिसमें ग्रीनहिल अल्मोड़ा, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और अपने गृह राज्य, उत्तराखंड में कई स्कूलों को सर्पोट कर रही है और लंदन में लैब डिजिटल यूके नामक एक न्यूरो-लिग्विस्टिक एजेंसी टीम का नेतृत्व कर रही है।

आखिरी में सौम्या ने कहा कि, “अपने लिए, दूसरों के लिए और पर्यावरण के प्रति दयालु रहें,” आने वाले विकेंड में सौम्या इस प्रतियोगिता के फाईनल में व्यस्त हो जाऐंगी। न्यूजपोस्ट, सौम्या को आने वाले प्रतियोगिता के लिए शुभकामानाएं देता है।