कांग्रेस की नई टीम छोटी और प्रभावशाली बनेगी: करन माहरा

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कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की नई टीम छोटी और प्रभावशाली बनाई जाएगी।

बुधवार को सुभाष रोड स्थित शहर के एक होटल में नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने पत्रकारों को संबोधित किया। इस दौरान करना माहरा ने कहा कि अभी सामान्य कार्यकर्ता हूं। पार्टी अध्यक्ष का विधिवत पदभार 17 अप्रैल को ग्रहण करूंगा।

इसके बाद पूरे प्रदेश का दौरा कर पार्टी और संगठन को सशक्त बनाने के रणनीति को गति देने के लिए सभी के सहयोग से काम करेंगे। उन्होंने विधायकों की नाराजगी से इन्कार करते हुए कहा कि अपने वरिष्ठ नेताओं से मिल रहा हूं। हरक सिंह रावत, प्रीतम सिंह और यशपाल आर्य के साथ अन्य नेताओं से मिला हूं और अन्य वरिष्ठों से मिलूंगा।

उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस पहले जैसा थोक के भाव में दायित्व नहीं बांटेगी। बदलाव के साथ समय को ध्यान में रखते हुए काम करना है। सैकड़ों सचिव और उपाध्यक्ष की नहीं बल्कि एक छोटी टीम का संगठन तैयार होगा। एक सवाल पर कहा कि नाम नहीं काम के आधार पर पार्टी में दायित्व दी जाएगी।

करन माहरा ने कहा कि सहकारिता विभाग में नियुक्तियों में गड़बड़ी की निष्पक्ष जांच के लिए विभागीय मंत्री से इस्तीफा लेना चाहिए। पद पर बने रहने के बाद जांच निष्पक्ष की बात बेमानी है। जांच के लिए कमेटी में विपक्ष और सेवानिवृत न्यायिक अधिकारी को रखना होगा तभी भ्रष्टाचार पर प्रहार होगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा के कथनी और करनी में बड़ा फर्क है। सरकार एक तरफ चाइना सामानों के बहिष्कार की बात करती है दूसरी तरह कुंभ जैसे महत्वपूर्ण मेले में चीनी मशीनों की खरीदना समझ से परे हैं। उन्होंने कहा कि पुरानी मशीनों को नई दाम पर क्रय की गई। इससे बड़ा गड़बड़ी और क्या हो सकता है जो वस्तु स्वास्थ्य अधिकारी को खरीदना चाहिए वे मेला अधिकारी के माध्यम से खरीद की गई है।

कई विधायकों के संपर्क में-

धारचूला विधायक हरीश धामी के त्यागपत्र पर कहा कि अभी कोई कागज नहीं आया तो किस बात का इस्तीफा। उन्होंने कहा है कि कई विधायकों उनके संपर्क में हैं। कांग्रेस ने उन्हें टिकट देकर विधायक बनने का मौका दिया है। वह पार्टी छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। जहां तक इस्तीफा की बात है तो उससे ज्यादा लोग बधाई देने वाले का संख्या है।

माहरा ने एक सवाल पर कहा कि हरीश रावत वरिष्ठ नेता हैं वे कहा जाएंगे यह हम तय नहीं करेंगे। उनको या अन्य वरिष्ठ नेता को मेरे साथ सामंजस्य की बात करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि कठिन समय में दायित्व मिला है फिर भी बेहतर और संगठित कार्य के साथ आगे बढ़ने की कोशिश रहेगी।