भारत–चीन सीमा पर देश का पहला न्यू जनरेशन ब्रिज का होगा निर्माण

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देहरादून, उत्तराखंड के सीमावर्ती उत्तरकाशी जिला में भारत और चीन की सीमा के गंगोत्री हाईवे पर गंगोरी के निकट देश के पहले न्यू जनरेशन ब्रिज का निर्माण किया जायेगा।

आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि यह पुल उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से पांच किमी दूर भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले हाईवे पर बनाया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि  वर्तमान बेली ब्रिज की जगह बनने वाले डबल लेन के  190 फीट लंबे इस पुल की भार क्षमता 70  टन से अधिक होगी। इस पुल के निर्माण के लिए कोलकाता से उपकरण तथा अन्य वस्तुएं मंगाई जा रही हैं । मॉडल के रूप में बनाने जाने वाले इस तरह के पुलों का निर्माण अभी तक विदेशों में ही होता रहा है ।

बेली ब्रिज की कम भार क्षमता और उसके सिंगल लेन रहने के कारण उन पर भारी वाहन नहीं चल सकते इसलिए इसके स्थाई समाधान हेतु असी गंगा नदी पर गंगोरी के पास इस पुल का निर्माण किया जाएगा। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) शिवालिक परियोजना (ऋषिकेश) के मुख्य अभियंता एएस राठौर के अनुसार इस पुल को बेली ब्रिज की तकनीक बेली से ही जोड़ा जाएगा जिसे 30 दिनों के अंतराल में तैयार किया जा सकेगा।

उत्तरकाशी के गंगोरी में असी गंगा नदी पर 70 के दशक में पुल बनाया गया था जो वर्ष 2005 में जर्जर हो गया था। नया निर्माणाधीन पुल वर्ष 2008 में फिनिशिंग के दौरान ही धराशायी हो गया। बाद जर्जर पुराना पुल 2012 को असी गंगा नदी में आई भारी बाढ़ में बह गया था। इस नदी पर दो बार बेली ब्रिज का निर्माण किया गया जो टूट गया। वर्ष 2018 में बना नया बेली ब्रिज फिर से जर्जर स्थिति में है ।