उत्तराखंडः वीआईपी सीटों पर कौन जीता, कौन हारा

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का अभी पूर्ण नतीजा तो नहीं आया है लेकिन स्थिति लगभग स्पष्ट हो गई है कि भाजपा दो तिहाई बहुमत से जीत दर्ज कर रही है। इस चुनाव में कई दिग्गज चुनाव हार चुके हैं तो कुछ जीत दर्ज करने में कामयाब हुए हैं।

खटीमा विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए हैं। उन्हें कांग्रेस के युवा नेता भुवन कापड़ी ने करीब 6300 वोटों से हराया है। मुख्यमंत्री धामी भाजपा के घोषित मुख्यमंत्री के चेहरे थे। मुख्यमंत्री धामी को 41 हजार 500 से ज्यादा वोट मिला है जबकि कापड़ी को करीब 48 हजार मत मिले हैं।

कुमाऊं के नैनीताल जिले में सबसे बड़ा उलटफेर हुआ है। यहां के लालकुआं सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हार गए हैं जबकि हरीश रावत अपने को कांग्रेस के मुख्यमंत्री दावेदार मान रहे थे। हरीश रावत करीब 15 हजार वोटों से हारें हैं। यह उनकी बड़ी हार है। वे पिछला चुनाव भी दो सीट पर लड़े थे और दोनों पर उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।

गंगोत्री सीट से भाजपा के सुरेश चौहान को जीत मिली है। सुरेश चौहान को 28 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं। जबकि कांग्रेस के विजयपाल सिंह सजवान करीब 21 हजार वोट मिले हैं। इस सीट पर आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरा कर्नल कोठियाल को करीब छह हजार वोट ही मिले हैं।

अल्मोड़ा जिले के जागेश्वर सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा अध्यक्ष रहे गोविन्द सिंह कुंजवाल भी अपना चुनाव हार गए हैं। उन्हें भाजपा के मोहन सिंह ने 6 हजार के करीब वोटों से हराया है।

पौड़ी जिले के श्रीनगर सीट से कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत कांटे की टक्कर में आखिरकार जीत गए हैं। वे कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल को करीब 600 वोटों से हराया है। इसी जिले के चोबट्टाखाल से कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बड़ी जीत दर्ज की है। वे कांग्रेस के केसर सिंह को 16 हजार से अधिक वोटों से हराया है।

वहीँ लैंसडाउन सीट पर पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गोसाईं भी चुनाव हार गई हैं। उन्हें भाजपा के महंत दिलीप सिंह रावत ने 10 हजार के करीब वोटों से हराया है। कोटद्वार सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी की बेटी ऋतू खंडूरी ने भी अप्रत्याशित जीत दर्ज की है। उन्हें अपने पिता की हार का बदला कांग्रेस उम्मीदवार सुरेन्द्र सिंह ले लिया हिया है। सुरेन्द्र सिंह पूर्व मंत्री हैं।

टिहरी से किशोर उपाध्याय करीब एक हजार वोट से चुनाव जीत गए हैं। पूर्व मंत्री दिनेश धने को इन्होंने करीब 1000 वोटों से हराया। यहां कांग्रेस के धन सिंह नेगी तीसरे नंबर पर रहे।

देहरादून के मसूरी से कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पोस्टल बैलेट की गिनती से आगे चल रहे थे। मतगणना खत्म होने तक उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को 15 हजार के करीब वोटों की बढ़त ले ली और वे चुनाव जीत गए। इसी जिले के चकराता सीट पर प्रतिपक्ष के नेता प्रीतम सिंह ने भी जीत दर्ज की है। वे करीब 9 हजार वोटों से जीते है। देहरादून जिले के 10 में से 9 सीटों पर भाजपा जीती है या अभी बढ़त बनाये हुए है।

हरिद्वार सीट पर भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने करीब 16 हजार वोटों से जीत अपने नाम किया। उनके सामने कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी थे। हरिद्वार ग्रामीण सीट पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द को हार का मुंह देखना पड़ा। इन्हें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पुत्री अनुपमा रावत ने करीब साढ़े चार हजार वोटों से हराया। इन्होंने भी अपने पिता की हार का बदला ले लिया है।