स्वाइन फ्लू को लेकर अस्पताल अलर्ट

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श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में स्वाइन फ्लू के तीन पाॅजीटिव मामले आने के बाद अस्पताल अलर्ट मोड में आ गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने आपात बैठक आयोजित की। विशेषज्ञों की राय है कि अमूमन अगस्त से मार्च के बीच ही स्वाइन फ्लू के मामले सामने आते हैं। दून में इस बार फरवरी से जुलाई के बीच स्वाइन फ्लू के पाॅजीटिव मामले आना चौंकाने वाला है।

डाॅक्टरों की राय में स्वाइन फ्लू 30 डिग्री से नीचे के तापमान में ही फैलता है। देहरादून में स्वाइन फ्लू की आहट के मद्देनजर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल प्रबंधन ने एहतियातन पहल की है। अस्पताल में 12 बैडेड एक वार्ड स्वाइन फ्लू रोगियों के लिए आरक्षित कर लिया गया है। मेडिसिन विभाग के डाॅ. योगेश ढांढ को स्वाइन फ्लू नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। संदिग्ध मामलों की देखरेख और उपचार के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा विशेष गाइडलाइन जारी की गई है। अस्पताल के अपर चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. वीके बिहारी ने कहा कि अस्पताल प्रबन्धन ने स्वाइन फ्लू रोगियों के उपचार के लिए एक जनरल वार्ड व एक आईसीयू बैड आरक्षित कर लिया है। आवश्यकता पड़ने पर आईसीयू वार्ड भी तैयार रखा गया है। दो अप्रैल 2017 को सहारनपुर निवासी जाहीरा का स्वाइन फ्लू टेस्ट पाॅजीटिव आया, 22 मई को कौलागढ़ देहरादून निवासी राकेश चंद्रा का स्वाइन फ्लू टेस्ट पाॅजीटिव आया, 6 जुलाई 2017 को देहरादून निवासी बीबी सिंघल का स्वाइन स्वाइन फ्लू टेस्ट पाॅजीटिव आया। ऐसे में इसे लेकेर चिंता बढ़ गई है।
मेडिसिन विभाग के प्रमुख डाॅ. अमित वर्मा ने कहा कि खांसी जुखाम बुखार को मरीज सामान्य श्रेणी का मानकार नज़रअंदाज कर देते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वाइन फ्लू के प्रति कोई भ्रांति या डर फैलाने की आवश्यता नहीं है। मरीजों को जागरूक होकर स्वाइन फ्लू के लक्षणों को देखना समझना चाहिए। यदि आवश्यकता महसूस होती है तो डाॅक्टर से परामर्श लें व आवश्यकतानुसार जांच करवाएं। स्वाइन फ्लू लैब के डाॅ. नरोत्तम शर्मा ने कहा कि अस्पताल की मौलीक्यूलर लैब में स्वाइन फ्लू सैंपल परीक्षण लैब संचालित है।
उत्तराखंड व आसपास के राज्यों के अस्पतालों में आने वाले स्वाइन फ्लू के संदिग्ध रोगियों के सैंपलों को उस अस्पताल के प्रतिनिधि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल प्रबंधन से सम्पर्क कर सैंपल लैब तक पहुंचा सकते हैं। अस्पताल की सेंट्रल मोलीक्यूलर रिसर्च लैबोरेटरी डीएनए/आरएनए स्तर की जांच करने वाला राज्य का एकमात्र सर्टिफाइड सेंटर है। जहां 6 से 8 घंटे में ही स्वाइन फ्लू की जांच रिपोर्ट मिल जाती है। लैब को नेशनल सेंटर फाॅर डिज़ीज कंट्रोल (एनसीडीसी) नई दिल्ली और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भी स्वीकृति प्राप्त है।