जंगलों में लगी पर हाईकोर्ट का स्वतः संज्ञान, पीसीसीएफ को तलब किया

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उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। साथ ही प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी को बुधवार सुबह सवा दस बजे व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि इस संबंध में 2016 के न्यायालय के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया।
उल्लेखनीय है कि 2016 में भी हाईकोर्ट ने वनाग्नि की बड़ी घटनाएं होने पर स्वतः संज्ञान लेते हुए वनाग्नि की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए आधुनिक उपकरण क्रय करने सहित वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए जरूरी कदम उठाने के आदेश पारित किए थे। मंगलवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान और  न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई।
दूसरे दिन भी भीमताल झील से पानी नहीं ले पाया हेलिकॉप्टरः  उधर भारतीय वायु सेना से उत्तराखंड को वनाग्नि बुझाने के लिए मिले दो में से एक हेलिकॉप्टर मंगलवार को दूसरे दिन भी कुमाऊं मंडल के वनों में लगी आग बुझाने के लिए भीमताल झील से पानी नहीं ले पाया। ऐसा इसलिए कि यहां वनाग्नि की वजह से  फैली धुंध से दृश्यता बेहद कम रही। हेलिकॉप्टर ने यहां से पानी लेने के प्रयास किए पर सफलता नहीं मिली।  कुमाऊं मंडल में वनाग्नि बुझाने के लिए प्रयोग होने वाले हेलिकॉप्टर के नोडल प्रभारी नैनीताल के प्रभागीय वनाधिकारी बीजू लाल टीआर ने बताया कि दृश्यता बेहद कम है और लगातार घट रही है। शाम पांच बजे तक हेलिकॉप्टर द्वारा पुनः प्रयास किए जाने की संभावना है।
लोगों में दहशतः  कुमाऊं मंडल में वनाग्नि की  घटनाओं में ग्रामीणों के झुलसने से लोगों में दहशत है। अब लोग अपने घरों, गांवों के आसपास चारों ओर वनाग्नि से बचने का प्रयास कर रहे हैं।