हाई कोर्ट ने न‌दी व नालों की भूमि पर प्लाटिंग पर रोक लगाई

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हाइकोर्ट
हाई कोर्ट ने नदी, नालों और बंजर भूमि पर प्लाटिंग करने के मामले में एक याचिका पर सुनवाई के बाद मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण व जिलाधिकारी को नदी नालों की भूमि पर किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने जिलाधिकारी देहरादून को जिन क्षेत्रों में अवैध रूप से प्लाटिंग की जा रही है, उन क्षेत्रों का स्वयं जाकर मौका मुआयना करने और प्लाटिंग पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश आरएस  चौहान एवं  न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार देहरादून निवासी अजय नारायण शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा था कि देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में, जिसमें नदी व भूमि को बंजर भूमि में परिवर्तित कर प्लाटिंग की जा रही है। याचिका में कहा कि पूर्व में हाई कोर्ट ने मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण को 07 अप्रैल 2021 तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा था। कोर्ट ने यह भी बताने को कहा था कि अतिक्रमण कहां हुआ और किन अधिकारियों की शह पर हुआ और उन पर क्या कार्रवाई की जा रही है। आज की सुनवाई के दौरान मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने ऐसी कोई रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल नहीं की है।