औषधियों पौधों में उत्तराखंड सबसे समृद्ध

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देहरादून। एकेडमी ऑफ साइंटीफिक एड इनोवेटिव रिसर्च के डायरेक्टर डॉ. आरएस सांगवान ने कहा कि भारत का सबसे समृद्ध औषधीय है उत्तराखंड। गुरुवार को ग्राफिक एरा में आयोजित हुए अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए डॉ. सांगवान ने कहा कि प्रकृति और मानव के सामजस्य से ही समाज उन्नति कर सकता है और प्रकृति से मानवीय
हस्तक्षेप कम होना चाहिये। डॉ. सांगवान ने कहा कि हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड औषधीय वनस्पतियों का खजाना है। देवभूमि उत्तराखंड में शोध की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
विशिष्ट अतिथि महानिदेशक यूकास्ट डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने आने संबोधन में बायोरिसोर्स के क्षेत्र में नीति एवं शोध के परिपेक्ष में बात की। डॉ. डोभाल ने युवाओं को बायोडाइवर्सिटी के क्षेत्र
उद्यमि संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
अमेरिका के एसीएमएपी (अमेरिकन कांउसिल फार मेडिसिएली एक्टिव प्लांट) के अध्यक्ष डॉ. जेफ्री एडिलबर्ग ने कहा कि भारत एक समृद्ध सांस्कृतिक और पारम्परिक देश है जहां मानव कल्याण में काम आने वाले औषधियों का खजाना छुपा हुआ है। अमेरिका की एसीएमएपी संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ. एन. जोशी ने छात्रों से आह्वान किया कि समाज को अपनाए,उसका पोषण करें और अपनी सहभग्यता निभायें अमेरिका की एसीएमएपी संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. फेबरिको मिडिना बोलिवयो ने प्रेजेंटेशन देकर पारम्परिक औषधियों के जरिए रोगों के उपचार पर प्रकाश डाला। उन्होंने मूंगफली के दानों में मौजूद रिसवरएटोल से कैन्सर और ओबिसिटी के इलाज में फायदेमन्द होना बताया।
ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. आरसी जोशी ने कहा कि स्थानीय लोगों को पारम्परिक और औषधियों पौधों का ज्ञान होता है शोधार्थियों को उसे प्रयोग में लाना चाहिये। कुलपति प्रो. राकेश कुमार शर्मा ने कहा कि देश विदेश से आये वैज्ञानिक और शोधार्थियों के प्रभूत ज्ञान और अनुभवों से छात्र-छात्राओं को लाभ उठाना चाहिये। ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय शोध और उद्यमीयता को महत्व देता है।
ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय जसोला ने अपनी प्रस्तुति में प्रौद्योगिकी संचार और फार्मेंसी के क्षेत्रों में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और कीर्तिमानों का उल्लेख किया।
सम्मेलन में ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष प्रो. कमल घनशाला, अमेरिका की एसीएमएपी संस्थान के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस राव मेंटरेड्डी, यूएसए फोर्ट वैली स्टेट यूनिवर्सिटी, डॉ. प्रोमिला शर्मा, डीआरडीओ की डायरेक्टर डॉ. मधुबाला सम्मेलन में शामिल हुए।
ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट आफ लाइफ साइंस और बायोटेक्नोलाजी व अमेरिकान कांउसिल फार मेडिसिएली एक्टिव प्लांट के सहयोग से 3 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू जिसमें देश विदेश से 200 प्रतिनिधि, 80 संस्थाएं और 500 छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए। इस सम्मेलन में अमेरिका, ईरान, जर्मनी, साउथ अफ्रिका, चेक रिपब्लिक, साउथ कोरिया, कनेडा, ईटली, मलेशिया, नेपाल, बंग्लादेश जैसे 15 देशों के प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में प्रतिभाग कर रहे हैं। इस सम्मेलन में 150 ये ज्यादा शोध पत्रों की प्रस्तुति होगी। डीपार्टमेंट आफ लाइफ साइंस और बायोटक्नोलाजी के विभागाध्यक्ष डॉ. आशिष थपलियाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया एवं डॉ. मनु पन्त ने कार्यक्रम का संचालन किया।