(देहरादून) गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान द्वारा जारी धरना 175 दिनों से ज्यादा चल चुका है। लोकसभा चुनावों की घोषणा के चलते अब आंदोलनकारी नोटा (none of the above) को उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रहे हैं।
आज से संगठन को विभिन्न वैचारिक इकाईयों और संस्थाओं द्वारा गंभीर सुझाव जमा किये जाने लगे हैं। संगठन का कहना है कि, “स्थाई राजधानी गैरसैंण प्रदेश की राजधानी घोषित हो जानी चाहिए अन्यथा इसका खामियाजा राजनीतिक दलों को नोटा के रूप में भुगतना पड़ सकता है।”
गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान की नोटा रणनीति पर संगठन का कहना है कि, “प्रदेश में जिस प्रकार से भूमि खरीद को खुली छूट प्रदान कर दी गई है, राजधानी गैरसैंण का प्रश्न आज तक हल नहीं किया गया है व बेरोजगारी की समस्या जस की तस खड़ी हुई है। ऐसे में उत्तराखंड की जनता को उन राजनीतिक दलों को सबक सिखाना ही होगा जिन्होंने पिछले 18 वर्ष में अपनी गलत नीतियों के कारण प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बदहाल बना दिया है।”
गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान मानता है कि, “जिस दिन प्रदेश की राजधानी गैरसैंण में स्थापित हो जाएगी, उसी दिन राज्य की व्यवस्था मैं आम आदमी की पैंठ बढ़ेगी व व्यवस्था अंतिम आदमी को लाभ देने की दिशा में बढ़ जाएगी।”
इसको लेकर गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान इस बात को टटोल रहा है कि क्या आम चुनाव 2019 में प्रदेश की सभी पांचों संसदीय सीटों पर नोटा को पूर्ण रूप से अथवा आंशिक रूप से सदस्य बनाया जा सकता है अथवा नहीं।





















































