3 अप्रैल से एफआरआई में शुरु होगा 19वां राष्ट्रमंडल वानिकी सम्मेलन

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शनिवार को फारेस्ट ऱिसर्च इंस्टीटूयूट ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया। प्रेस कांफ्रेस में 3 अप्रैल से शुरु होने वाले 19वे राष्ट्रमंडल वानिकी सम्मेलन में होने वाले कार्यक्रमों की रुपरेखा तैयार की गई।डा.सुरेश गैरोला डीजी एफआरआई ने बताया कि वर्ष 1930 में पहली बार यह सम्मेलन लंदन में किया गया था।भारत में यह दूसरी बार है। डा. गैरोला ने कहा कि यह केवल एफआरआई ही नहीं बल्कि पूरे राज्य और पूरे देश के लिए गर्व की बात है।इससे पहले वर्ष 1968 में 9वी बार यह सम्मेलन दिल्ली में आयोजित किया गया था और अब 2017 में 19वे बार, एक बार फिर भारत को इस सम्मेलन की मेजबानी का मौका मिला है।3 अप्रैल को उत्तराखंड राज्यपाल डा.के.के पाल मुख्य अतिथि के रुप में इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।

डा. गैरोला ने वन से संबंधित समस्याओं पर बात करते हुए कहा कि आज का समय जंगलों के लिए कठिन समय है। ग्लोबल तापमान में होने वाले फेरबदल से लेकर, मौसम में बदलाव, वनों का कम होना आदि आने वाले समय में बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। ड़ा.गैरोला ने बताया कि बढ़ते तापमान की वजह से बहुत से बदलाव आ रहे हैं जैसे कि फारेस्ट कंपोजिशन का लेवल बढ़ना, फसलों का पैटर्न बदलना, प्रजातियों का लुप्त होना और जंगल की उत्पादकता कम होना आदि। डा.सुरेश गैरोला ने बताया कि इस कांफ्रेस का पहला फोकस होगा राष्ट्रीय स्तर की समस्यों का समाधान।आपको बता दें कि 53 कामनवेल्थ देशों में 49 देश इस कांफ्रेस में भाग ले रहे हैं।कांफ्रेस में मौजूद एफआरआई की डायरेक्टर डा.सविता ने बताया कि इस सम्मेलन में फारेस्ट्री क्षेत्र के दिग्गजों के साथ,फारेस्ट डिर्पाटमेंट,भारत सरकार की फारेस्ट मिनिस्ट्री के प्रोफेशनल,अफिसर और एकेडमिशियन भाग लेंगे।

इस सम्मेलन में 4 पूर्ण सेशन,21 टेक्निकल,और 6 अलग-अलग थीम पर चर्चा होगी।डा. सविता ने बताया कि 5 दिन के इस सम्मेलन में 95 प्रेजेन्टेशन दिखाए जाऐंगे और अब तक इस सम्मेलन में आने के लिए 700 डेलीगेट्स ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है।डा.सविता ने बताया कि 61 विदेशी डेलीगेट्स इस सम्मेलन में भाग लेंगे।सीएफए और मिनिस्ट्री आफ फारेस्ट्री,भारत सरकार इस सम्मेलन में बराबर अपना सहयोग दे रहा है।इस सम्मेलन का आयोजन करने के लिए इंटरनेशनल और नेशनल लेवल पर दो कमेटियों का गठन किया गया है जो अक्टूबर 2015 से इस सम्मेलन की तैयारियों में सहयोग कर रही हैं।डा.सविता ने बताया कि इस सम्मेलन में 7 साईड इवेंट भी होंगे जो दुनिया के कोने कोने से आए प्रोफेशनल करेंगे। इसेक अलावा संबंधित विषयवस्तु पर राष्ट्रीय और अंर्तराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के शोध एवं विकास कार्यकलाप की प्रदर्शनी औऱ पोस्टर शो का सत्र भी चलेगा। सम्मेलन में हस्तशिल्प और हाथ से बनाए हुए स्वंय समूहों के हर्बल औषधि उत्पादन, एनजीओ, कारीगर, कार्पोरेट मार्केटिंग संघ के उत्पाद आदि की प्रदर्शनी तीन दिनो तक चलेगी।सम्मेलन के चौथे दिन एक एनकांफ्रेस टूर का आयोजन किया जाएगा जिसके माध्यम से सम्मेलन में विदेशी मेहमानों का उत्तराखंड की बायोडायर्वसिटी से परिचय कराया जाएगा जिसमें एक ग्रुप ऋषिकेश और दूसरे ग्रुप को धनौल्टी की तरफ रवाना किया जाएगा।