ऋषिकेश, आस्ट्रेलिया से आयी शक्ति दुर्गा के नेतृत्व में साधकों का दल परमार्थ निकेतन पधारा। इस दल में विश्व के कई देशों से आये साधकों ने सहभाग किया। शक्ति दुर्गा के सानिध्य एवं मार्गदर्शन में इस दल के सदस्य तीर्थनगरी में रहकर स्वयं को शान्त और प्रफुल्लित रखने के गुर को आत्मसात करेंगे।
शक्ति दुर्गा ने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज से भेंट की। स्वामी ने शक्ति दुर्गा जी से विश्व स्तर पर शान्ति स्थापित करने वाले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस मौके पर स्वामी चिदानन्द ने कहा ’हर व्यक्ति और हर शक्ति करेे शान्ति के लिये कार्य और वह शान्ति स्वयं से शुरू होती है; अपने घर से शुरू होती है। परिवार; घर और समाज में शान्ति बनाये रखने के लिये कार्य करे।
दल के सदस्यों को माँ गंगा के तट पर स्वामी महाराज ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया। दल के सदस्यों ने हाथ उठाकर संकल्प को दोहराया। तत्पश्चात सभी ने परमार्थ तट पर होने वाली दिव्य गंगा आरती एवं हवन में सहभाग किया।
शक्ति दुर्गा और दल के सदस्यों ने जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी के सायंकालीन सत्संग में सहभाग किया। उन्होंने भारतीय संस्कृति, संस्कार, गीता, अध्यात्म और जीवन दर्शन के विषय में अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। दल के सदस्य भारतीय आध्यात्म के विषय जानकारी प्राप्त कर गदगद हो उठे।
स्वामी ने कहा कि जहां भी जायें शान्ति, पर्यावरण एवं जल संरक्षण का पैगाम फैलाये; लोगो को प्रेरित करे; जागरूक करे। जागरूकता बहुत जरूरी है, जन सहभागिता हर कार्य के लिये नितांत आवश्यक है। दल के सदस्यों ने अपने अपने शहर और देश में पर्यावरण सरंक्षण के लिये कार्य करने का इरादा प्रकट किया।





















































