विकासनगर। विकासनगर विधान सभा के जीवनगढ़ पंचायत की फकीरा बस्ती व कश्यप मौहल्ले के बाशिंदों को पिछले पांच वर्षों से हर गर्मी में पेयजल किल्लत झेलनी पड़ रही है। जल संस्थान कार्यालय से दो किमी की दूरी पर बसी बस्ती को पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिए कोई भी जिम्मेदार कार्रवाई नहीं कर रहा है। यह आलम तब है जबकि बस्तीवासी क्षेत्रीय विधायक से भी समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगा चुके हैं।
विकासनगर नगर क्षेत्र में बसावट के लिए सीमित जमीन होने के चलते इससे लगे ग्रामीण क्षेत्र अब शहरी आकार लेने लगे हैं जिससे इन गांवों में जनसंख्या दबाव बढ़ रहा है। इसमें भी मुख्यरूप से जीवनगढ़ पंचायत लोगों की पहली पंसद बनी हुई है। सुविधाओं का आलम यह है कि इस पंचायत में 1970 के दशक की बिछी पेयजल लाइन बढ़ती आबादी की पेयजल आपूर्ति करने में सक्षम नहीं हो पा रही है। इन दिनों सबसे अधिक पेयजल किल्लत फकीरा बस्ती व कश्यप मौहल्ले को डेढ़ सौ परिवारों को झेलनी पड़ रही है। दरअसल यहां पेयजल आपूर्ति करने के लिए जब आधा इंच की लाइन बिछाई गई तब यहां मात्र पचास परिवार निवास करते थे। वर्तमान में परिवारों संख्या डेढ़ सौ हो चुकी है। लिहाजा पुरानी पेयजल लाइन से होने वाली पानी की आपूर्ति यहां के बाशिंदों के हलक तर करने को नाकाफी साबित हो रही है। पिछले पांच वर्ष से हर गर्मी में पेयजल किल्लत झेल रहे ग्रामीणों ने नई पेयजल लाइन बिछाने के लिए जल संस्थान अधिकारियों से लेकर क्षेत्रीय विधायक तक लगाई मगर ग्रामीणों को आज तक पेयजल किल्लत से निजात नहीं मिल पाई है। उप प्रधान रेणू खान, फतेह आलिम, रामकुमार, शमीम खान, रामपाल, राजेश वर्मा, अशोक बहल, आबिद हसन ने बताया कि जल संस्थान अधिकारी हर बार नई पेयजल लाइन शीघ्र बिछाने का आश्वासन दे रहे हैं, मगर अभी तक नई पेयजल लाइन के लिए सर्वे तक नहीं कराया गया है। बरसात से पूर्व नई लाइन बिछाने की कार्रवाई शुरु नहीं होने पर ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। उधर, जल संस्थान के एसडीओ एसके श्रीवास्तव ने कहा नई पेयजल लाइन बिछाने के लिए प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। पेयजल किल्लत से जूझ रहे क्षेत्रों को फौरी राहत दिलाने के लिए टैंकरों से आपूर्ति की जाएगी।





















































