उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश हो रही है। ऐसे में मौसम विभाग ने तीन दिन के लिए रेड व आरेंज अलर्ट जारी किया है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के साथ भावनाओं व संवेदनाओं से भी जुड़े। उन्होंने जनपद स्तरीय अधिकारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने व 24 घंटे अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अत्यधिक वर्षा के कारण राज्य के सामने लगातार चुनौतियां बनी हुई हैं और मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले कुछ दिन चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए समुचित कदम उठाए जाएं। भूस्खलन के दृष्टिगत मार्गों में विशेष सतर्कता बरती जाए व मैदानी क्षेत्रों में जल भराव की आशंका को देखते हुए सभी एहतियाती कदम उठाए जाएं। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिए कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से हर स्थिति पर नजर रखी जाए।
रविवार को मुख्यमंत्री ने शासन व जिले के अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत बचाव कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग आपदाओं में बेघर हो गए हैं, सरकार उनके साथ पूरी मजबूती से खड़ी है और उनके बेहतर से बेहतर पुनर्वास के लिए हर स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने दोनों मंडलायुक्तों को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शीघ्रता से कार्य करते हुए मैदानी जनपदों में पुनर्वास किए जाने के विकल्पों पर भी कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस कठिन घड़ी में सरकार प्रभावित भाई-बहनों की पीड़ा को गहराई से समझती हैं। राज्य सरकार केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि हम उनकी भावनाओं और संवेदनाओं से भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों से भी अपेक्षा की कि उनके दुख को अपना दुख मानकर, उनके पुनर्वास और जीवन को सामान्य बनाने के लिए पूर्ण मनोयोग से जुड़े हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जनपदों में अधिकारी फील्ड में रहें और राहत और बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर संचालित करें। साथ ही उन्होंने अधिकारियों से भी अपील की कि वे स्वयं की सुरक्षा का भी ख्याल रखें।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में आयोजित बैठक में सचिव गृह शैलेश बगौली, अपर सचिव आंनद स्वरूप, एससीईओ क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, जेसीईओ मोहम्मद ओबैदुल्लाह अंसारी, हेमंत बिष्ट, रोहित कुमार आदि मौजूद रहे। वहीं प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव लोनिवि पंकज कुमार पाण्डेय, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार, मंडलायुक्त विनय शंकर पाण्डेय, दीपक रावत बैठक में वर्चुअल शामिल हुए।
तमक में बैली ब्रिज जल्द बनाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने ज्योतिर्मठ-मलारी नेशनल हाईवे में तमक नाले में बहे पुल को लेकर बीआरओ के अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह पुल राज्य के साथ ही देश के लिए भी सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए यहां जल्द से जल्द बैली ब्रिज बनाकर यातायात को सुचारु किया जाए। उन्होंने कहा बीआरओ को यदि राज्य के स्तर से किसी भी प्रकार की मदद की दरकार है तो वह तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग पंकज कुमार पांडेय को बीआरओ के अधिकारियों के संपर्क में रहने के निर्देश दिए।
गंगोत्री हाइवे को यातायात के लिए सुरक्षित बनाया जाए
मुख्यमंत्री ने यात्रा प्रारंभ होने से पहले गंगोत्री हाईवे को सुरक्षित बनाने व बेहतर स्थिति में लाने के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पुनः दोहराया कि बरसात समाप्त होने के बाद सभी सड़कों में पेचवर्क तथा नई सड़क बनाने का कार्य हर हाल में प्रारंभ हो जाए। इसमें किसी भी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि टेंडर तथा अन्य जो भी औपचारिकताएं पूरी की जानी हैं, उन्हें इसी बीच पूरा कर लिया जाए।
हर्षिल व स्यानाचट्टी में रिवर चैनेलाइजेशन जरूरी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी के हर्षिल तथा स्यानाचट्टी में बनी झीलों की स्थिति तथा जल निकासी के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि स्यानाचट्टी में झील के जलस्तर में पुनः वृद्धि की सूचना मिली है,। वहां 24 घंटे नजर रखी जाए। उन्होंने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को निर्देश दिए कि झील के जलस्तर को कम करने व अधिक मात्रा में झील से जल निकासी के लिए समुचित प्रयास किए जाएं।
नदियों के जलस्तर पर रात्रि में भी रखी जाए नजर
मुख्यमंत ने अगले कुछ दिनों में नदियों के जलस्तर पर गहन निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रात के समय भी पहाड़ी तथा मैदानी इलाकों में नदियों के जलस्तर पर निगरानी रखी जाए। लोगों को सचेत किया जाए और कोई भी खतरा महसूस होने पर तुरंत सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएं।