हौसलों की उड़ान से कल्पना पांडेय का एडीजी में चयन

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हरिद्वार, सफलता परिश्रम का इंतिहान लेती है। अगर दिल लगाकर परिश्रम किया तो सफलता कदमों में नजर आती है। ऐसे ही एक बुलंद हौसले की जीती जागती मिशाल है कल्पना पांडेय। चार बहनों और एक भाई के बीच पली बढ़ी कल्पना की शादी 12वीं कक्षा होने के बाद ही कर दी गई।
ससुराल में भी कल्पना को पढ़ने का अवसर मिला। अधिवक्ता बनी तो हरिद्वार में सहायक अभियोजन अधिकारी के रूप में चयनित हुई। लेकिन 2018 की उत्तर प्रदेश की हायर ज्यूडिशिल सर्विस एक्जाम में कल्पना पांडेय ने चयनित होकर इतिहास रचा है।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जन्मी कल्पना को ससुराल में आकर पढ़ने का मौका मिला तो उसने भी खुद को साबित करने के लिए दिन रात एक कर दिया। परिवारिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए कल्पना ने स्नातक की शिक्षा फैजाबाद से ही पूरी की। जबकि परास्नातक की डिग्री ऋषिकेश के ललित मोहन डिग्री कॉलेज से की।
डीएवी देहरादून से एलएलबी की पढ़ाई की तो ओपन यूनिवर्सिटी से एलएलएम की डिग्री हासिल की। कल्पना का चयन साल 2012 में सहायक अभियोजन अधिकारी के पद पर हुआ। साल 2016 में यूपी एचजेएस का एग्जाम दिया। लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। कल्पना पांडेय ने हिम्मत नही हारी।
कल्पना ने साल 2018 में एक बार फिर अपने बुलंद हौसलों के साथ परीक्षा दी।  26 जुलाई 2019 को परिणाम आया तो
कल्पना की खुशी का ठिकाना ना रहा। आखिरकार मेहनत के आगे सफलता ने घुटने टेक दिए थे।