राज्यपाल ने किया ‘मनसा वाचा कर्मणा, उत्तराखण्ड उत्कर्ष’ का विमोचन

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देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के भाषणों और अनुभवों पर आधारित पुस्तक ‘मनसा वाचा कर्मणा, उत्तराखण्ड उत्कर्ष’ का विमोचन राज्यपाल डॉ.पाल ने किया। इस मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को उनके अनुभवों पर आधारित पुस्तक एवं सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं, लक्ष्यों और उपलब्धियों को लेखन के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने के लिए बधाई व शुभकामनाएं दीं। पुस्तक विमोचन समारोह में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृद्येश समेत कैबिनेट मंत्रियों, विधायकगणों एवं अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को उनकी पुस्तक के लिए बधाई दी।
मंगलवार को राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल ने विधानसभा भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक सरकार और जनता के बीच सेतू का काम करेगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि ’’मनसा वाचा कर्मणा, उत्तराखण्ड उत्कर्ष’’ मेरे भाषणों का संकलन है। पिछले एक वर्ष में हमारी सरकार ने मन, वाणी एवं कर्म से राज्य के समग्र विकास के लिए ईमानदार पहल की है। इस संकलन में सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं, लक्ष्यों और उपलब्धियों को अपने शब्दों में पिरोने का प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों से वार्तालाप कर अपने अनुभवों को इस पुस्तक में संकलित करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में मैंने जौ देखा है, महसूस किया है, उसे सामने लाने का प्रयास किया है। पहाड़ से लेकर मैदान तक, किसान से लेकर मजदूर तक, पर्यटन से लेकर पलायन रोकने तक हर क्षेत्र में पूरी निष्ठा के साथ कार्य किया जा रहा है। ईमानदारी और पारदर्शिता राज्य सरकार के दो सबसे बडे मापदंड है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के न्यू इंडिया के विजन को संकल्प मानकर नया व उत्तराखण्ड बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे है।
क्या है पुस्तक में खास
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की 60 पृष्ठों की पुस्तक ’’मनसा वाचा कर्मणा, उत्तराखण्ड उत्कर्ष’’ में 18 वर्ष का युवा उत्तराखण्ड, कड़े फैसलों से संवरेगा उत्तराखण्ड, हमारा संकल्प-भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड, हमारा सपना, स्वस्थ, शिक्षित उत्तराखण्ड अपना, डबल इंजन से दौड़ता उत्तराखण्ड: अटल जी ने बनाया है मोदी जी संवार रहे हैं, खुशहाल होता देवभूमि का अन्नदाता, सगंध फार्मिंग को अपनाएं, बंजर भूमि को उपजाऊ बनाएं, सशक्त नारी, सशक्त उत्तराखण्ड, योग, आध्यात्म और एडवेंचर का संगम: देवभूमि उत्तराखण्ड, हमारे लक्ष्य: विजन 2020, हमारी संस्कृति और सभ्यता का उद्गम स्थल हिमालय, फैशन का राष्ट्रीय चिन्ह् बनता खादी, पुलिस की नई चुनौतियां-सुरक्षा, सामाजिक सरोकारिता ओर स्वच्छता, अपील का असर, रिवर्स माइग्रेशन की पहल शुरू एवं देववाणी संस्कृत का महत्व विषयों का संकलन किया गया है।