उत्तराखंड में नही है कोई रेड जोन, सरकार ने लॉक डाउन 4 के लिए जारी की गाइडलाइन

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पुरोला
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लॉकडाउन 4.0 के शुरू होने के साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों को अपने यहां हालात के हिसाब से जोनिंग करने की इजाजत दे दी है। इसके चलते सोमवार को मुख्य सचिव ने राज्य में कोरोना को लेकर हालातों के बारे में बताया।

कौन से जिले हैं ग्रीन जोन में: 

बागेश्वर, चमोली, हरिद्वार, चंपावत, टिहरी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग ग्रीन जोन में शामिल

कौन से जिले हैं ऑरेंज जोन में:

अल्मोड़ा,देहरादून,नैनीताल,पौड़ी,उधमसिंहनगर,उत्तरकाशी

राहत की बात यह है कि उत्तराखंड में फिलहाल कोई भी जिला रेड जोन में नही है। मुख्य सचिव ने राज्य के लिये लॉकडाउन 4 की गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि:

  • उत्तराखंड में ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन में सभी दुकानें सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक खुलेगी ।
  • मॉल, सिनेमा घर, शिक्षण संस्थान जिम आदि रहेंगे बंद।
  • ऑनलाइन क्लास रहेंगी जारी।
  • स्टेडियम में बिना दर्शकों के हो सकता है खेलों का आयोजन।
  • सभी धार्मिक स्थानों पर रहेगा प्रतिबंध।
  • सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक पुरानी व्यवस्था के मध्य नजर ही रहेगा लॉक डाउन 4।
  • शाम 7:00 बजे से सुबह 7:00 बजे तक रहेगा पूर्णता लॉक डाउन।
  • हल्द्वानी रुद्रपुर काशीपुर हरिद्वार देहरादून कोटद्वार में गाड़ियों का आवागमन और आवागमन ओड इवन के तरीके से होगा।
  • सरकारी ऑफिस 10:00 बजे से 4:00 बजे तक खुलें

वही, उत्तराखंड में ज़िलेवार मरीजों का आंकड़ा इस प्रकार है:

  • देहरादून में कोरोना मरीजों की संख्या 46
  • नैनीताल में कोरोना मरीजों की संख्या 15
  • उधमसिंहनगर में कोरोना मरीजों की संख्या 20
  • हरिद्वार में कोरोना मरीजों की संख्या 7
  • अल्मोड़ा में कोरोना मरीजों की संख्या 2
  • पौड़ी में कोरोना मरीजों की संख्या 2
  • उत्तरकाशी में कोरोना मरीजों की संख्या 1
  • प्रदेश में कुल संख्या 93
  • 52 कोरोना मरीज हो चुके हैं स्वस्थ्य, 40 मरीज एक्टिव हैं।
  • डबलिंग रेट-15.5दिन
  • रिकवरी परसैन्ट-56%
  • प्रदेश में काँटेन्मेंट जोन की संख्या -7

इस बीच, केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि व्यापक पैमाने पर ढील के बावजूद राज्य और केंद्र शासित प्रदेश लॉकडाउन की गाइडलाइनों में शामिल प्रतिबंधों में ढील नहीं दे सकते हैं। गृह मंत्रालय ने बयान में कहा कि लॉकडाउन-4 में प्रतिबंधों में काफी ढील दी गई है। राज्य और केंद्र शासित क्षेत्र गृह मंत्रालय की गाइडलाइन में शामिल प्रतिबंधों में ढील नहीं दे सकते हैं। राज्यों को इनके अलावा अन्य गतिविधियों पर रोक लगाने तथा अधिक प्रतिबंध लगाने की अनुमति है।