कनाडा फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जाएगी गढ़वाली फिल्म ”सुबैरो घाम”

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गढ़वाली फिल्म ‘सुबैरो घाम’ रविवार को कनाडा के इंडिया फिल्म फेस्टिवल अलबर्टा (आईएफएफए) 2017 में प्रदर्शित की जाएगी जिसमें और भी बहुत सी पुरस्कार विजेता फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी।

सुबैरो घाम (मॉर्निंग सनशाइन) उन 13 फिल्मों में से एक है जिसमें 9 भारतीय भाषाएं जिसमें बंगाली, गुजराती भाषा की फिल्में भी चुनी गई है।आपको बतादें कि यह एक गढ़वाली भाषा में बनी फिल्म है और गढ़वाली उत्तराखंड की मूल भाषा है।

इस फिल्म को कॅनाडा के अल्बर्टा प्रांत की राजधानी एडमोंटन में दिखाया जाएगा, जो कि इस वर्ष के लिए फेस्टिवल के डेस्टिनेशन के 6 कनाडाई शहरों में से एक है। आईएफएफए का उद्देश्य कनाडा में अलग-अलग भाषाओं में भारतीय सिनेमा को बढ़ावा देना है।

य़ह फिल्म उत्तराखंड के गांवों की कहानी है जिसमें दिखाया गया है कि कैसे शराब की लत परिवार को तोड़ देती है और कैसे एक औरत इस बुरी लत के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ती है।

अभिनेत्री-निर्माता उर्मी नेगी, जिन्होंने महिलाओं को ध्यान में रखकर फिल्म को लिखा और तैयार किया है, उन्होंने कहा कि इस फिल्म की पूरी टीम प्रतिष्ठित फिल्म समारोह में अपने चयन के बारे में काफी “रोमांचित” थी।

नेगी का मानना है कि, ‘इस फिल्म के माध्यम से ना केवल यह मुद्ददा अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर जाएगा बल्कि लोगों के बीच इसको लेकर जागरुकता भी पैदा होगी।’ नेगी कहती हैे कि इस फिल्म के माध्यम से वह दुनियाभर में उत्तराखंड की खूबसबरती दिखाना चाहती है, कि लोगों को पता चल सकें कि यह राज्य हर क्षेत्र में बहुत खुबसूरत है।नेगी यू तो पौड़ी की रहने वाली है लेकिन अब मुंबई में बस गई  हैं।

यह फिल्म स्वर्गीय फिल्म निर्माता नरेश खन्ना द्वारा निर्देशित कि गई है, और यह फिल्म को 2014 रिलीज हो गई थी। इस फिल्म में राज्य के दूरदराज के पहाड़ी स्थानों में बड़े पैमाने पर शूटिंग की गई थी। इसमें अभिनेता बलराज नेगी, बलदेव राणा और घनानंद भी शामिल हैं।

नेगी ने कहा, “एक निर्माता और अभिनेता के रूप में, मैं अपने भविष्य के फिल्मों के माध्यम से हमारे राज्य के लिए ऐसे ऐसे सामाजिक मुद्दों को लोगों के सामने लेकर आउंगी जिससे राज्य की स्थिति बेहतर हो सके और अपने राज्य की खुबसूरती को अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर दिखाने में मेरी फिल्में एक बहुत बड़ा माध्यम बनेंगी।’