फूलों की घाटी पर वन विभाग की निगाहें चौकस

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फूलों की घाटी

(गोपेश्वर),विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी 31 अक्टूबर को पर्यटकों के लिए अगले सीजन तक के लिए बंद कर दी गई थी, ताकि शीतकाल में कोई वन तस्कर या अन्य अवैध कार्य करने वाला फूलों की घाटी में प्रवेश न कर पाए। इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वन कर्मियों की गश्त घाटी में बढ़ा दी गई है। यहां आने-जाने वालों पर सीसीटीवी से भी नजर रखी जाएगी।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी में जैविक विविधता का संसार है। दुर्लभ कस्तूरी मृग, स्नो लैपर्ड समेत अनेक वन्य जीव इस घाटी में हैं। शीतकाल में जब फूलों की घाटी बंद होती है तो वन्य प्रणियों के शिकारी और तस्करों के यहां घुसने और वन्य प्राणियों के शिकार करने की आशंका बनी रहती है। पूर्व में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। उसी के मद्देनजर वन विभाग वन्य प्राणियों के प्रति और अधिक सक्रिय हुआ है।
नन्दा देवी बायोस्फेयर रिजर्व के डीएफओ चंद्र शेखर जोशी ने बताया कि वन विभाग ने फूलों की घाटी में अवैध रूप से कोई घुस न पाए, इसके लिए व्यवस्था कर ली है। लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है।