इस बार पुष्पवर्षा से होगा कांवड़ियों का स्वागत

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हरिद्वार,  प्रशासन कांवड यात्रियों के स्वागत के लिए इस बार प्रशासन पुष्प वर्षा की भी तैयारी कर रहा है, पिछले बार की कांवड़ में आए यात्रियों का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया जाएगा।
एक बैठक सीसीआर सभागार, रोडी बेलवाला में कांवड मेला 2019 की तैयारियों को लेकर प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति व जिले के प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
सतपाल महाराज ने हिल बाईपास मार्ग का उपयोग कावंड मेले के दौरान किए जाने की बात कही। मेला व्यवस्था में लगे सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान चीला मार्ग का उपयोग कांवड़ मेले के दौरान किये जाने पर भी चर्चा की गई। महाराज ने बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि, “इस बार हरिद्वार आने वाले कांवड़ियों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया जायेगा। कांवड पटरी पर प्रकाश व जनरेटरों की सुविधा के साथ साथ शौचालयों, मूत्रालयों की भी व्यवस्था होनी चाहिए।”
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि, “कांवड़ यात्रा मार्ग के आसपास झाड़ियों का कटान कर पेयजल की उचित व्यवस्था हो। प्रभारी मंत्री महाराज ने कहा कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर अस्थाई चिकित्सा शिविर के अलावा उनमें विद्युत आपूर्ति के साथ स्टाफ व दवाइयों, एम्बुलेंस की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए।”
बैठक में अधिकारियों के साथ चर्चा के करते हुए कहा कि, “कांवड़ यात्रा के दौरान गंगा घाटों की सफाई, हरकी पैडी सहित हरिद्वार नगर में पालीथिन का प्रयोग प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। उन्होंने खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने व उनकी रेट लिस्ट लगाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया। कांवड़ मेला क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के साथ ही 7 फीट से ऊंची कांवड़ न बनाये जाने की बात भी कही।”
बैठक में प्रभारी मंत्री ने संमभागीय परिवहन विभाग के अधिकारियों को हरिद्वार में चल रहे आटो व ई-रिक्शा के रूट व रेट फिक्स किये जाने के भी निर्देश दिये। बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की धीमी गति पर भी उन्होंने आक्रोश जाहिर करते हुए एनएच के अधिकारियों को फटकार भी लगाई।
उन्होंने जीआरपी के अधिकारियों को कहा कि, “कांवड़ यात्रा के दौरान चलने वाली ट्रेनों का प्लेटफार्म नम्बर समय आदि किसी भी प्रकार की सूचना समय से प्रचारित प्रसारित की जाये, अचानक किये जाने वाले परिवर्तन से रेलवे सेवा का प्रयोग करने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ता है और माहौल खराब होता है।”
उन्होंने पुलिस एवं प्रशासन को निर्देश दिये कि कांवड़ यात्रा के धार्मिक महत्व का अनुभव हरिद्वार पहुंचते ही श्रद्धालु कर सकें, इस प्रकार से विज्ञापन प्रचार प्रसार किया जाये।